लखनऊ में दबंगों ने बम लगाकर दलित युवक को उड़ाया, पंद्रह दिन बाद भी आरोपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी

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रिपोर्ट- गौरव गुलमोहर, यूपी…

यूपीः यूपी की राजधानी लखनऊ से लगभग चालीस किलोमीटर दूर रानीमऊ गांव में दलित उत्पीड़न का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां 18 जून की आधी रात को दबंगों ने सुनियोजित करीके से बम ब्लास्ट कर दलित युवक की जान ले ली। घटना के पंद्रह दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नही हुई है।

मृतक के परिजनों का आरोप है कि गांव के दबंग ठाकुरों ने पूरे परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दी है, लेकिन पुलिस अपराधियों के खिलाफ कदम उठाने के बजाय पीड़ित परिवार के सदस्यों को ही घर से बाहर निकलने से रोक रही है।

ब्लास्ट में मारा गया 19 वर्षीय शिवम पासी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ा था, पढ़ाई के साथ-साथ बाहर मज़दूरी भी करता था। शिवम की माँ सावित्री बताती हैं कि 6 लोगों का परिवार है, घर में बेटा ही कमाने वाला था, जिस दिन वह हरिद्वार से कमा कर घर लौटा उसी दिन आधी रात को ठाकुरों ने उसे बम लगाकर उड़ा दिया।

उत्तर प्रदेश तीन सालों के अंदर (2018-2020) दलितों पर अत्याचार के 36,467 मामलों के साथ पहले नंबर पर है, बावजुद इस प्रदेश में दलितों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिवम की हत्या के बाद से ही पूरे गांव में मातम पसरा है। मृतक शिवम के परिजन गांव के ही रहने वाले चार लोगों पर हत्या का आरोप लगा रहा है। परिवार के अनुसार 18 जून की रात शिवम हरिद्वार से आया था और रात में घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था और रात में सोते समय चारपाई के नीचे बम लगाकर उसकी हत्या कर दी गई। घटना के बाद से ही गांव में पुलिस का पहरा लगा हुआ है।

ये है पूरा मामलाः

शिवम पासी की हत्या दो पक्षों के बीच हुए जमीन विवाद के कारन कर दी गई। गांव के निवासी बताते हैं कि, शिवम की हत्या का आरोप जिन लोगों पर लगाया जा रहा है, उनका जमीनी विवाद गांव के ही निर्मल करण सिंह से है। निर्मल करण सिंह के वकील का खेत मृतक के पिता मेवालाल पासी (40) अधिया पर बोते हैं। यह बात गांव के दबंगों को नागवार गुजरी और आरोपी हरिकेश सिंह ने दो महीना पहले मृतक के पिता को बाजार से लौटते समय गांव के प्राथमिक स्कूल के पास जान से मारने की धमकी दी थी, लेकिन परिवार ने इस धमकी को गम्भीरता से नहीं लिया और पुलिस को कोई सूचना भी नहीं दिया।

मृतक के पिता का सवाल, क्या किसी के साथ उठना-बैठना गुनाह है?

मृतक के पिता मेवालाल बताते हैं कि, मैं लम्बे समय से वकील साहब का खेत अधिया पर बो रहा हूँ। एक दिन खेत में वकील साहब और गांव के निर्मल करण सिंह आपस में बात कर रहे थे, मुझे वहां देखकर हरिकेश सिंह ने शाम को बाजार से लौटते समय प्राइमरी स्कूल रनियामऊ के पास जान से मारने की धमकी दी। लेकिन हमने नहीं सोचा था, कि वो हमारे बच्चे को बम से उड़ा देंगे। क्या किसी के साथ उठना-बैठना इतना बड़ा गुनाह हो गया?

गांव में इस तरह की ये पहली घटनाः

रनियामऊ गांव में ठाकुर, लोध, यादव, रैदास और पासी समुदाय एक साथ रहते हैं। गांव में इस तरह की पहली घटना है। मृतक की मां सावित्री बताती हैं कि “हम घर में बच्चों के साथ सो रहे थें, बेटा बाहर खाट पर सो रहा था। रात में लगभग 01 बजे अचानक तेज आवाज हुई। आवाज सुनते ही मैं दौड़कर बाहर आई, बाहर खूब धुंआ फैला था, जमीन पर बेटा चिल्ला रहा था उसका कपड़ा जल रहा था। मुझे उस समय कुछ समझ नहीं आया, मैं किसी तरह आग बुझाने लगी।

पिता मेवालाल बताते हैं कि “तेज आवाज सुनकर मैं बाहर आया तो देखा पूरे द्वार पर धुंआ फैला हुआ है, थोड़ी दूर पर दो लोग मोनू सिंह और हरिकेश सिंह भागते दिखें। मैं बेटे के शरीर में लगी आग बुझाने लगा।”

समय रहते नहीं मिला उपचारः

परिजन एम्बुलेंस बुलाकर रात में ही शिवम को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, माल लेकर गये। गम्भीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि 18 जून की रात 12:55 बजे धमाका हुआ, लेकिन शिवम का इलाज 19 जून की दोपहर लगभग 02:00 बजे से मिलना शुरू हुआ और 24 जून को शिवम की मौत हो गई। मृतक के पिता मेवालाल बताते हैं कि “शिवम की पीठ पूरी तरह जल चुकी थी, बम विस्फोट से पीठ में गहरे घाव हो गए थें, उसके शरीर में बहुत दर्द था। उसे लखनऊ में भी समय से इलाज नहीं मिला। अगर समय से इलाज मिलता, तो शायद वह बच जाता।

मृतक के पिता मेवालाल आगे पुलिस की सुस्त कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि “पंद्रह दिन से अधिक हो गया, लेकिन अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हत्यारे ठाकुर समाज से हैं इसलिए अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। बल्कि मुझे ही अब पुलिस घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है।

मृतक के चाचा सुरेश कुमार पासी भी घटना की रात शिवम की चारपाई से थोड़ी दूर पर सो रहे थे। वे बताते हैं कि, धमाका इतना तेज था कि मैं अपनी चारपाई से उठने के बजाय गिर पड़ा। बगल में धुएं के गुब्बार उठ रहे थे, थोड़ी दूर पर नजर आया कि दो लोग भाग रहे हैं। हम लोग शिवम को आनन-फानन में लेकर अस्पताल भागें, लेकिन हम उसे बचा नहीं पाए।

दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्जः

हालांकि पुलिस ने दो आरोपियों हरिकेश सिंह और दीपू सिंह के नाम आईपीसी की धारा 302, एससी/एसटी एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनितम के तहत मामला दर्ज किया है। जबकि पीड़ित के परिजन हत्या में शामिल गांव के चार दबंगों पर आरोप लगा रहे हैं।

जाति देख कर पुलिस कर रही है कार्रवाईः सामाजिक कार्यकर्ता

सामाजिक कार्यकर्ता सूरज पासी कहते हैं कि, पुलिस प्रशासन और सांसद कौशल किशोर सिंह ने वादा किया था कि 30 जून तक आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाएगी, वर्ना अपराधियों के घर पर बुल्डोजर चल जाएगा। लेकिन आज 03 जुलाई तक न आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और न ही आरोपियों के घरों पर बुल्डोजर चला। कहीं न कहीं जाति देख कर कार्यवाही की जा रही है।

हमने आरोपियों की गिरफ्तारी के संदर्भ में माल थाना प्रभारी से जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।

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