सिमडेगा पुलिस, सिमडेगावासियों का विश्वास खो चुकी हैः तारामणि साहू, समाजिक कार्यकर्ता

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ब्यूरो रिपोर्ट…

सिमडेगाः सिमडेगा जिले की समाजिक कार्यकर्ता, तारामणि साहू ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि, सिमडेगा जिले के लोग अपने आप को असुरक्षित महसुस कर रहे हैं।

4 जनवरी 2022 को, कोलेबिरा थाना क्षेत्र स्थित बेसराजारा गांव में संजू प्रधान नामक युवक की हत्या भीड़तंत्र ने कर दी। उस स्थान पर पहले से पुलिस मौजुद थी, लेकिन पुलिस ने संजू प्रधान को बचाने का काम नहीं किया। ऐसे पुलिस कर्मियों पर आईपीसी की धारा-119 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए। संजू प्रधान की हत्या, झारखंड में अब तक हुए मॉब लिंचिंग की घटना में सबसे जघन्य मॉब लिंचिग में की गई हत्या है।  

घटना स्थल पर अतिरिक्त पुलिस मंगवाया जा सकता था, मोबाईल नेटवर्क बेसराजारा में है मौजुदः

मृतक, संजू प्रधान के परिजनों से घटना की जानकारी लेते समाजिक कार्यकर्ता.

बेसराजारा की घटना से सिमडेगावासियों का विश्वास कानून व्यवस्था से उठने लगा है। हम सभी कानून व्यवस्था पर सवाल करने पर मजबूर हो गए हैं। देश भर में लोगों का विश्वास पुलिस पर सिर्फ इसलिए है कि, वो देश के नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन जब उनके आंखों के सामने हत्या की घटना को अंजाम दिया जाता हो, और पुलिस मुकदर्शक बन सब कुछ देखते रहती है, तो ऐसे पुलिस और कानून व्यवस्था से लोगों का विश्वास उठना स्वाभाविक है। बेसराजारा में अगर पुलिस की संख्या घटनास्थल पर कम थी, तो अतिरिक्त पुलिसकर्मी फोन कर मंगवाया जा सकता था, वहां एयरटेल का नेटवर्क मौजूद है। लेकिन पुलिस ने घटना हो जाने के बाद ऐसा किया।

28 नवंबर 2021 को हुई थी समूह द्वारा आदिल नामक युवक की पीटाई, बेसरा जारा की घटना के बाद 7 जनवरी 2022 को पुलिस ने लिया आदिल से बयानः तारामणि साहू,समाजिक कार्यकर्ता

28 नवंबर 2021 को भी सिमडेगा जिले के ईदगाह मुहल्ले के एक 22 वर्षीय मुस्लिम युवक, आदिल हुसैन को ठाकुर टोली में एक समूह ने पीटा था। आदिल दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहने के कारन भटक कर कुछ घरों में घुस गया था। समूह द्वारा पीटाई करने के कारन आदिल के सिर में गंभीर चोट आई थी। युवकों के समूह को जब ऐसा प्रतित हुआ कि आदिल की मौत हो जाएगी, तब उन लोगों ने पुलिस को सूचना देने का काम किया, पुलिस उसे ईलाज के लिए सदर अस्पताल ले गई, जहां से उसे रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया गया।  

आदिल के पिता ने तीन लोगों के खिलाफ नामजद और कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसमें से केवल एक रोहित सिंह नामक युवक को गिरफ्तार किया गया। नवंबर की घटना होने के बावजुद सिमडेगा पुलिस ने आदिल से ब्यान नहीं लिया था, लेकिन बेसरा जारा की घटना 4 जनवरी 2022 को होने के बाद 7 जनवरी को पुलिस ने आदिल का ब्यान दर्ज किया है।

भेड़ीकुदर के पीड़ितों को भी अब तक नहीं मिला न्यायः तारामणि साहू

वहीं सिमडेगा के ही भेड़ीकुदर में समूह द्वारा गांव के कुछ युवक और युवती हर हमला किया गया था, युवाओं के साथ मारपीट कर उसके सिर मुंडन कर धार्मिक नारा लगवाया गया था, उस घटना की पीड़िता का भी ब्यान पुलिस ने अबतक दर्ज नहीं किया है।

लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में सिमडेगा पुलिस अब तक विफल रही हैः तारामणि साहू

तारामणि साहू ने आगे कहा कि, सिमडेगा की पुलिस मोब लिंचिंग के मामलों में कुछ नही कर पा रही है, जिसके कारन सिमडेगा पुलिस पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि, क्या हम सिमडेगावासी सुरक्षित है?  हमारे ऊपर विपदा आने पर हम किससे संपर्क करेंगे? क्या पुलिस हमारी सुरक्षा तय कर पाएगी? क्या पुलिस समय पर घटनास्थल में पहुंचती है? क्या पुलिस आर्टिकल 21 का सम्मान करते हुए लोगों की सुरक्षा कर रही है? संजू प्रधान के मामले में भी बोंबलकेरा ग्रामवासियों ने पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि, पुलिस और वन विभाग अगर अपना काम सही तरीके से करती, तो इस तरह की घटना नहीं होती। इन दोनों विभागों की लापरवाही के कारन इस तरह की घटना हुई।

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