मात्र एक हजार बकाया की शिकायत पर सिकिदिरी पुलिस ने शेख अनवर का तोड़ा हांथ, किसी को घटना की जानकारी देने पर झुठा केस में फंसाने की दी धमकी.

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः मेरा कसूर सिर्फ इतना था कि मेरे छोटे भाई अख्तर अंसारी के अनुपस्थिति में उसके घर पर सिकिदिरी थाने की पुलिस पहुंची और घर में घुस कर अख्तर अंसारी को खोजने लगें। मेरे भाई की पत्नी, पुलिस से ये कहती रही कि, मामला क्या है? आप लोग क्यों मर्द की अनुपस्थिति में घर में घुस कर खोजबीन कर रहे हैं, जबकि महिला पुलिस भी आपके साथ नही है। मुझे स्थानीय लोगों ने इस मामले की जानकारी दी, जिसके बाद मैं शेख अनवर अपने छोटे भाई के घर पहुंच कर पुलिस से कहा कि, इस तरह आप लोग मत किजिए। घर में सिर्फ अख्तर की पत्नी और बेटी है। घर से बाहर निकल कर पुछताछ किजिए। मेरे इतना कहते ही एएसआई जीतेन्द्र कुमार मुझे जाति सूचक अपशब्द कहने लगें और खिंच कर मुझे गाड़ी में बैठा कर पीटते हुए सिकिदिरी थाना ले जाया गया, जहां बड़ा बाबू सत्यप्रकाश रवि के सामने मुझे डंडे से खूब पीटा गया, जिससे मेरा हांथ टुट गया…ये कहना है सिकिदिरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कुटे गांव निवासी शेख अनवर का। शेख अनवर ने ये भी बताया कि पुलिस ने धमकी दी है कि, हांथ कैसे टुटा ये किसी से नहीं बताओगे, अगर बताया तो झुठा केस लाद कर अंदर कर देंगे।

ये है पुरा मामलाः  

दरअसल पीड़ित शेख अनवर के छोटे भाई अख्तर अंसारी ने सिकिदिरी थाना क्षेत्र में ही रहने वाली बारीडीह गांव निवासी एक महिला से पूर्व में 5000(पांच हजार)रुपये कर्ज लिया था, जिसमें से 4000(चार हजार) रुपये उसने उक्त महिला को वापस कर दिया था। महिला बकाया एक हजार रुपये लेने के लिए अख्तर अंसारी के घर पहुंची थी, जहां किसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद महिला ने थाने में आवेदन देकर बकाया 1000(एक हजार) रुपये दिलाने की मांग की। इसी शिकायत पर 31 जनवरी 2023 की सुबह लगभग 10 बजे सिकिदिरी थाना के एएसआई जितेन्द्र कुमार दो सिपाहियों के साथ अख्तर अंसारी के घर पहुंचे और उसे खोजते हुए उसके घर में प्रवेश कर तलाशी लेने लगें। उस वक्त घर में सिर्फ अख्तर अंसारी की पत्नी और बेटी घर में मौजुद थीं। अख्तर की पत्नी ने बताया की किसी काम से अख्तर रांची गए हुए हैं, वो शायं को लौटेंगे, आप उसी वक्त आईये। इस पर एएसआई जीतेन्द्र कुमार आक्रोशित हो गएं और अपशब्द कहने लगें। पुलिस के घर में आने की जानकारी मिलने के बाद अख्तर के बड़े भाई शेख अनवर घर पहुंचे और एएसआई जीतेन्द्र कुमार से कहा कि घर में सिर्फ महिला है, आप घर से बाहर निकल कर पुछताछ किजिए। इतने में ही एएसआई जीतेन्द्र कुमार आक्रोशित हो गएं और धक्का देकर उन्हें पुलिस वाहन मैं बैठा कर थाना ले गएं। जहां शेख अनवर के अनुशार उन्हें थाना प्रभारी के सामने इतनी बेरहमी से पीटा की हांथ की हड्डी टुट गई। शेख अनवर ने आगे बताया कि, थाना प्रभारी मुझे पीटते हुए देखते रहें, लेकिन उन्होंने एएसआई को पीटने से नहीं रोका। मैं बार-बार अपना कसुर पुछता रहा कि, आखिर मेरा कसुर क्या है? मैंने ये भी कहा की मेरी तबियत खराब है, बावजुद वो मुझे पीटते रहें, मानों किसी ने मुझे पीटने के लिए जीतेन्द्र कुमार को मोटा रकम दिया है। थोड़ी देर बाद मेरी स्थिति जब ज्यादा खराब हो गई, जब मुझे ईलाज के लिए ले जाया गया, जहां हांथ का सूजन देख कर डॉक्टर ने कहा की हड्डी टुट गया है, इसके बाद मुझे थाना के छोटा बाबू अरुण कुमार पुलिस के वाहन से ही घर में छोड़ कर चले गएं।

घटना के बारे में किसी को मत बताना अन्यथा झुठा केस लाद देंगेः

शेख अनवर ने आगे बताया कि, घटना के दूसरे दिन थाना के बड़ा बाबू, सत्यप्रकाश रवि एएसआई अरुण कुमार के साथ मेरे घर पहुंचे और कहा कि, घटना के बारे में किसी से नहीं बताना है। आपका ईलाज करवा दिया जाएगा। मैंने अपने पैसे से एक्स-रे और प्लास्टर करवाया है। समाज के लोगों की सलाह पर मैनें पीयूसीएल को लिखित आवेदन दे कर न्याय दिलाने की मांग की है।

मेरे साथ उग्रवादी-आतंकवादी जैसा व्यवहार किया गयाः शेख अनवर, पीड़ित

पीयूसीएल को आवेदन देर से मिलने के कारन पीयूसीएल की टीम, जिसमें पीयूसीएल झारखंड के राज्य महासचिव अरविंद अविनाश, पीयूसीएल रांची जिला के महासचिव शशि सागर वर्मा, और रांची जिला कार्यकारी अध्यक्ष रामसेवक तिवारी, के साथ पत्रकार संजय वर्मा शामिल थें। पीड़ित शेख अनवर ने पीयूसीएल की टीम को उपरोक्त जानकारी के साथ आगे बताया कि अबतक ईलाज में 10,000(दस हजार) रुपया खर्च हो चुका है। पुलिस ने मेरे साथ उग्रवादी-आतंकवादी जैसा व्यवहार किया है। मैं घर में अकेला कमाने वाला हूं। कबाड़ी का काम करके किसी तरह अपने परिवार का गुजर बसर करता हूं। क्षेत्र में मैं एक सम्मानित व्यक्ति हूं। गांव-घर के किसी भी समस्या पर मैं लोगों के साथ खड़ा रहता हूं। लेकिन, मेरे साथ सिकिदिरी पुलिस ने जिस तरह व्यवहार कर प्रताड़ित किया है, उससे मैं समाज के सामने अपने आप को काफी अपमानित महसूस कर रहा हूं। मुझे न्याय चाहिए।

पीड़ित शेख अनवर से घटना की जानकारी लेते पीयूसीएल की टीम.

 

जांच के लिए सिकिदिरी थाना पहुंची पीयूसीएल की टीमः

शेख अनवर से पुरे घटना क्रम की जानकारी लेने के बाद, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज(पीयूसीएल) की टीम ने पाया कि संविधान का अनुच्छेद 21-ए, जो हमें गरीम के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है, उसका उल्लंघन सिकिदिरी पुलिस के एसआई जितेन्द्र कुमार द्वारा किया गया है। इस लिए एस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम सिकिदिरी थाना पहुंची और पुरे मामले पर पुलिस का पक्ष लिया।

31 जनवरी, 23 को मैं राउंड पर गया था, थाने में नहीं थाः थाना प्रभारी, सिकिदिरी थाना

मामले पर सिकिदीरी थाना के प्रभारी, सत्यप्रकाश रवि ने बताया कि करुणा देवी ने अख्तर अंसारी द्वारा दस हज़ार रुपए लेने और वापस नहीं करने संबंधी आवेदन दिया था। बार-बार आग्रह के बाद भी अख्तर अंसारी ने पैसा नहीं लौटाया, मात्र 1500(एक हजार पांच सौ) रुपए लौटाया है। उसके बच्चे पागल बोल कर भगा देते हैं। करुणा के पिता जी विशेश्वर महतो बूढ़े और बीमार हैं। इलाज के लिए पैसे की जरूरत है। मैंने एएसआई जीतेन्द्र सिंह को मामले की जांच करने का जिम्मा दिया था। 31 जनवरी, 23 को मैं राउंड पर गया था। मेरे साथ एएसआई अरुण सिंह भी थें।

शेख अनवर जांच में व्यवधान डाल रहे थेः जीतेन्द्र कुमार, एएसआई

शेख अनवर की पीटाई करने के आरोपी एएसआई जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि जांच हेतु पूर्वाह्न 10 बजे अख्तर अंसारी के घर गया था, वे घर में नहीं थें। अख्तर के बारे में पूछने पर परिजनों ने बताया कि कोई चोर थोड़े हैं, आप क्यों आए हैं, वारंट है क्या? जीतेन्द्र सिंह ने मामले की जांच के क्रम में पूछताछ की बात कही। हल्ला होने से भीड़ जमा हो गई। इस बीच शेख अनवर आ गए और चिल्लाने लगें। जांच पड़ताल हेतु गए पुलिस दल को फटकारते हुए भाग जाने को कहा। जांच में व्यवधान डालते हुए चिल्लाने लगे और जेल ले चलने की बात कहने लगे। समझाने पर भी नहीं माने। अप्रिय स्थिति को देखते हुए उन्हें थाना में लाया गया। यहां भी गाड़ी से उतरते समय चिल्लाने लगे। उतरने में कुर्ता गेट में फंस गया और गिर गए।

एएसआई, जीतेन्द्र से इलाज का खर्च दिलवा दुंगाः थाना प्रभारी

थाना प्रभारी ने आगे कहा कि, जानकारी होते ही मैं एएसआई अरुण के साथ डाक्टर के यहां ईलाज के लिए शेख अनवर को भेजा। एक्स-रे कराया, पांच दिन बाद प्लास्टर की बात हुई। दवा दिलवाया, फिर  नैतिक जिम्मेदारी के तहत इलाज हेतु 7000 रुपए भी जीतेन्द्र जी से दिलवाया हूं। इलाज का खर्च दिलवा दूंगा।

पिटाई करने के आरोप से मुकरें एएसआई, जीतेन्द्रः

एएसआई अरुण सिंह ने भी इलाज कराने की बात स्वीकारी। जीतेन्द्र सिंह ने थाना प्रभारी की बातों को दुहराते हुए कहा कि अख्तर अंसारी से फोन पर बात हुई थी, वे घर पर नहीं थें। यह पूछने पर कि उनका नम्बर कहां से मिला, बताया कि करुणा देवी ने आवेदन में नम्बर लिखा था। शेख अनवर के व्यवहार को ग़लत बताया और कई उदाहरण भी दिया। पिटाई से साफ मुकर गए लेकिन पांच हज़ार रुपए देने की बात कही।

थाना प्रभारी और एएसआई जीतेन्द्र के बयान में विरोधाभाषः

थाना प्रभारी ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा कि, जिस समय हाथ टुटने की घटना हुई मैं थाने में नहीं था, राउंड पर गया हुआ था। फिर ये भी कहते हैं कि ईलाज के लिए मैंने उसे एएसआई अरुण के साथ ईलाज के लिए भिजवाया और एएसआई जीतेन्द्र से 7000(सात हजार) रुपये भी दिलवाया है। दूसरा ये कि पिटाई के आरोपी एएसआई जीतेन्द्र ने अपने बयान मे कहा कि थाना लाने के बाद वाहन से उतरने के दौरान शेख अनवर आनाकानी कर रहा था, उसी दौरान उसका कुर्ता गेट में फंस गया और गिरने से हांथ टुटा है। जीतेन्द्र कुमार ने ये स्वीकार किया कि ईलाज के लिए शेख अनवर को 5000(पांच हजार) रुपये मैंने दिया है, जबकि थाना प्रभारी 7000(सात हजार) रुपये देने की बात कहे हैं। कूल मिला कर ये मामला जांच का विषय है। इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए अन्यथा पुलिस व्यवस्था से लोगो का विश्वास उठ जाएगा।

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