सरहुल पर्व मानव को प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रेरित करता हैः सी.पी. राधाकृष्णन, राज्यपाल

0
10

रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

पुरे ताल पर मांदर बजाते हुए जमकर थिरके राज्यपाल, सी.पी. राधाकृष्णन।

झारखंड वासियों को दी प्रकृति पर्व सरहुल की शुभकामना।

वृक्षों के बिना जीवन की कल्पना असंभवः राज्यपाल

जनजातियों के पर्व-त्यौहारों एवं अनुष्ठानों में झलकता है प्रकृति प्रेम।

रांचीः माननीय राज्यपाल, सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि जनजातियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। इनकी सभ्यता एवं संस्कृति अत्यंत ही समृद्ध है, साथ ही हमारे जनजातियों की कला-संस्कृति, साहित्य, परंपरा व रीति-रिवाजों की विश्वव्यापी पहचान है। ये प्रकृति प्रेमी हैं और यह इनके पर्व-त्यौहारों एवं अनुष्ठानों में झलकता है। उन्होंने राज्यवासियों को सरहुल पर्व की बधाई देते हुए कहा कि सरहुल सिर्फ एक पर्व ही नहीं है, बल्कि मानव जीवन और प्रकृति के बीच अटूट संबंध का अनुपम उदाहरण है। सरहुल यह संदेश देता है कि प्रकृति के बिना मनुष्य का अस्तित्व नहीं है। राज्यपाल महोदय आज जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय, राँची विश्वविद्यालय, राँची द्वारा आयोजित “सरहुल पूजा महोत्सव” में लोगों को संबोधित कर रहे थें।

 वृक्षों के बीना जीवन की कल्पना असंभव, वृक्ष है तो जीवन हैः राज्यपाल, झारखंड

राज्यपाल महोदय ने कहा आज के आधुनिक युग में जहां पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित हैं, ऐसे में इस प्रकार के त्योहारों की अहमियत और भी बढ़ जाती है। यह पर्व मानव को प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रेरित करता है। उन्होंने वृक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वृक्षों के बिना जीवन की कल्पना असंभव है, वृक्ष है तो जीवन है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में वनम संस्था द्वारा काफी संख्या में वृक्षारोपण किया गया, जिससे वहाँ के भू-गर्भ जल-स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और बारिश में भी बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य को वृक्षारोपण के क्षेत्र में उक्त संस्था के  अनुभव का लाभ प्राप्त हो, इस हेतु उन्हें आमंत्रित किया जायेगा। उन्होंने राज्य के लोगों से जल संरक्षण व अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने का संदेश दिया।

ये सभी रहें महोत्सव में उपस्थितः

“सरहुल पूजा महोत्सव” में महापौर, राँची डॉ० आशा लकड़ा, सचिव, विकास भारती पद्मश्री अशोक भगत, कुलपति, राँची विश्वविद्यालय, राँची प्रो० अजीत कुमार सिन्हा समेत विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं विद्यार्थीगण मौजूद थें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.