रिपोर्ट :- वसीम अकरम….
राँची: बढ़ती महंगाई और खाद्य सामग्री पर केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने के बाद लगातार कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को कांके विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महंगाई के खिलाफ “महंगाई चौपाल” लगाकर केंद्र सरकार का विरोध किया।
मौके पर मौजूद ग्रामीण कांग्रेस के रांची जिला अध्यक्ष सह पूर्व कांके विधानसभा प्रत्याशी सुरेश बैठा ने कहा कि वर्ष 2013-14 ई. का दौर याद कीजिए ,मोदी जी देश के युवाओं और आम लोगों को कैसे-कैसे सपने दिखा रहे थे। अपने लगभग हर भाषण में वादा करते थे कि सत्ता में आते ही बेरोजगारी और महंगाई को खत्म कर देंगे। ” बहुत हुई महंगाई की मार…” जैसे नारों की गूंज हर जगह सुनाई दे रही थी। आज उन्हें सत्ता में आए 8 साल से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन महंगाई और बेरोजगारी कम होने के बजाय आसमान छू रही है। उनकी विभल आर्थिक नीतियों के कारण देश में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है। बीते 14 महीने से महंगाई दर दोहरे अंकों में है। पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, एवं रसोई गैस से लेकर अनाज, दालें, कुकिंग ऑयल जैसी जरूरी चीजों की कीमतें भी आसमान छू रही है। मोदी सरकार द्वारा आटा, चावल, दही, पनीर, शहद जैसी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने से महंगाई और बढ़ी है। इस सरकार की बेशर्मी देखे, बच्चों के लिए पेंसिल और शार्पनर से लेकर हॉस्पिटल बेड एवं श्मशान घाट के निर्माण पर भी जीएसटी लगा दी है। यदि यूपीए शासनकाल से तुलना करें तो आज हर चीज की कीमत बेहिसाब बढ़ी हुई है। कुछ के दाम दोगुने से भी अधिक हो गए हैं। इसी तरह सब्जियों की कीमतों में 35% तक की वृद्धि हुई है, नमक 41% महंगा हुआ है, दालें 60 से 65% तक महंगी हो गई है। कोई भी ऐसी चीज़ नहीं है जिसकी कीमत इस सरकार में ना बढ़ी हो। मोदी सरकार महंगाई को तो नियंत्रित कर नहीं पा रही है उल्टा पहले से ही परेशान जनता पर टैक्स का बोझ डालकर अपना खजाना भरने में लगी है। सुरेश बैठा ने कहा कि जबतक खाद्य सामग्री पर केंद्र सरकार जीएसटी वापस नहीं लेती है तब तक कांग्रेस पार्टी का आंदोलन चलते रहेगा।
कांके प्रखंड में महंगाई चौपाल में मुख्य रूप से कांग्रेस कांके प्रखंड अध्यक्ष संजर खान, ग्रामीण कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष ऐनुल हक अंसारी, युवा कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जमील अख्तर, विनोद साहू, गौरी शंकर महतो, गुलजार अहमद, अर्जुन मुंडा, मुस्ताक आलम, निलेश मिश्रा, दीपक साहू, बालेश्वर मुंडा, अफजल अंसारी, मतिउर रहमान, शमीम अंसारी सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।