आम बजट-2023 पर पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रिया.
रिपोर्ट- बिनोद सोनी…
इलेक्ट्रीक व्हीकल सस्ती होगी, सिगरेट महंगा होगा। ऑटोमोबाईल सस्ता होगा, साईकिल महंगा। मनरेगा के बजट में 24,000 करोड़ की कटौति। एलईडी टीवी और बायोगैस से जुड़ी वस्तुवें होगी सस्ती। 7 लाख तक के आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। रेलवे में निजी क्षेत्र की भागेदारी बढेगी। रक्षा पर कूल बजट का 8 प्रतिशत खर्च होगा।
प्रतिक्रिया
महंगाई और बेरोजगारी कम करने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं। मनरेगा योजना का बजट घटाना गरीबों के पेट पर लात मारना है। पूंजीपतियों के लिए बनाया गया है बजट। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन बढ़ेगी। बिजली और सड़क के इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि। शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर को नहीं बढ़ाया गया।
रांचीः केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा 2023-24 का आम बजट लोकसभा में पेश किया गया। बजट को झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा सभी के हित में ध्यान में रख कर पेश किया गया बजट बताया जा रहा है। बीजेपी के विधायकों ने बजट को ऐतिहासिक बजट बताया है साथ ही कहा है कि “सबका साथ, सबका विकास” वाले मोदी जी के नारो को बुलंद करते हुए बजट पेश किया गया है। इस बजट में देश के हर तबके हर वर्ग के लोगों का विशेष ध्यान रखा गया है।
आदिवासी समुदाय को इस बजट से लाभ होगाः सीपी सिंह, रांची विधायक
बजट के बारे में बताते हुए विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि, बजट में हर तबके का ध्यान रखा गया है। हमारे आदिवासी समुदाय को भी इस बजट से काफी लाभ होगा वहीं भाजपा विधायक, अमित मंडल ने बजट को काबिले तारीफ बताया।
आम बजट में झारखंडवसियों को घोर निराशा हांथ लगी हैः प्रवक्ता़ प्रदेश कांग्रेस
वहीं भाजपा पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता, राजीव रंजन ने बजट को ढांक के तीन पात बताया। उन्होंने कहा कि बजट में जवानों, किसानों का कोई ख्याल नहीं रखा गया है। हम दो और हमारे दो कि सरकार ने सिर्फ पूंजीपतियों के हित में बजट बनाया है। राजीव रंजन ने कहा कि देश का 40% खनिज झारखंड से मिलता है, इस लिहाज से झारखंड के लोगों को बजट में विशेष पैकेज की उम्मीद थी, लेकिन इस बजट से झारखंडवसियों को घोर निराशा हांथ लगी है।
केंद्रीय बजट, देश की जनता को दिग्भ्रमित करने वाला बजटः सीपीआई
सीपीआई झारखंड के राज्य सचिव, महेंद्र पाठक और जिला मंत्री अजय सिंह ने संयुक्त रूप बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट देश के 120 करोड़ जनता को दिग्भ्रमित करने वाला बजट है। यह आम बजट न होकर एक खास तबके को ध्यान में रख कर बनाया गया बजट है। महंगाई और रोजगार को लेकर बजट में कोई चर्चा नहीं है। सभी क्षेत्रों में एफडीआई को बढ़ाने की कोशिश की गई है, जो देश को आर्थिक गुलामी की ओर ले जायेगा। स्वास्थ्य, शिक्षा की मूलभूत बजट काफी कम है। झारखंड से 40% खनीज संपदा लेने के बावजुद गरीब राज्य झारखंड के लोगों के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है, उपर से मनरेगा में 24 हजार करोड़ की कटौति करके ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी और पलायन को बड़ाने का काम किया गया है। कूल मिला कर ये बजट दिशा विहीन और अदूर्दर्शिता का परिचय है।
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बताया संतुलित बजट: किशोर मंत्री, अध्यक्ष, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स
सदन में पेश हुए आम बजट को लेकर कहीं उत्साह तो कहीं निराशा का माहौल है। इसी बीच बजट में महत्वपूर्ण सहभागिता निभाने वाले व्यापारी वर्ग, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने पेश किये गए बजट को संतुलित बजट बताया है। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि, प्रदूषण के दृष्टिकोण से जो पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप में मिलाया गया है, वह काफी सराहनीय पहल दिखता है। महंगाई की बात की जाए तो सभी सेक्टर में कुछ ना कुछ इस बजट में रखा गया है, इसलिए महंगाई में वृद्धि होना नहीं लगता। इन्कम टैक्स के दायरे को बढ़ाया गया है इससे महंगाई में ज्यादा असर नहीं देखा जाएगा। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से बजट लाने से पूर्व जो राय मांगी गई थी, उसमें 40 से 50 प्रतिशत राय मानी गई है। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने आदिवासी हित में बजट बनाने के लिए राय दिया था, जिसे झारखंड के परिपेक्ष्य में माना गया है।