हरिजन नाबालिग छात्रा के बालात्कारी बसंत यादव को 20 वर्ष की सजा….

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

हरिजन नाबालिग छात्रा के बालात्कारी बसंत यादव को 20 वर्ष की सजा….

रांचीः पोस्को के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने खेलारी थाना क्षेत्र के महावीर नगर निवासी, दुष्कर्म के आरोपी, बसंत यादव को नाबालिग हरिजन छात्रा के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सजा सुनाई है।

बाल संरक्षण आयोग की तात्कालीन अध्यक्ष आरती कुजूर ने एस को दिया था आरोपी के गिरफ्तारी का आदेशः

आरोपी बसंत यादव ने 6 जून 2017 को कस्तुरबा विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा का अपहरण उसके चाचा के घर बुढ़मू से कर लिया था, जिसके बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। घटना की सूचना मिलने पर पीड़ित छात्रा की मां रिपोर्ट दर्ज करवाने खेलारी थाना पहुंची थी, लेकिन थाना में मामला दर्ज नही किया गया, जिसके बाद पीड़िता की मां तात्कालीन बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर के पास पहुंची और पूरे घटना की जानकारी दी। मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने एसपी से बात कर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया था, जिसके बाद आरोपी बसंत यादव पर मामला दर्ज करते हुए उसकी गिरफ्तारी हुई थी।

जमानत पर रिहा होने के बाद बसंत यादव ने टीपीसी उग्रवादियों के सहयोग से पीडिता और उसकी मां का अपहरण कर मामला उठाने की धमकी दी थीः

आरोपी बसंत यादव अपनी गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुआ फिर उसने टीपीसी उग्रवादियों के साथ साठ-गांठ कर मां-बेटी का एक बार फिर अपहरण कर जंगल ले गया और वहां जमकर दोनों की लाठी डंडे से पीटाई की। बसंत यादव ने पीड़िता की मां से कहा कि केस उठा लो अन्यथा फिर तेरी बेटी के साथ दुष्कर्म किया जाएगा। इस दौरान रुपये देने का भी प्रलोभन पीड़िता की मां को दिया गया,  लेकिन पीड़िता की मां ने ईन्कार कर दिया। यहां दोनों को मारपीट के घायल करने के बाद जंगल में ही छोड़ दिया गया था। किसी तरह दोनों मां-बेटी बुड़मू स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची और अपना ईलाज करवाया। अपहरण करने वालों में आरोपी बसंत यादव, भाई मुनेश्वर यादव, जानकी यादव, चचेरा भाई सोनू यादव के अलवा और भी कई लोग शामिल थें, जो सभी हंथियारों से लैश थें।

मारपीट और जान मारने की धमकी का मामला भी थाने में दर्ज करवाया गयाः

आरोपी बसंत यादव द्वारा अपहरण कर मारपीट की घटना को अंजाम देने का मामला भी थाने में दर्ज करवाया गया, जिसकी सुनवाई अब भी कोर्ट में चल रही है। हलांकि आरोपियों का पुलिस के साथ अच्छे संबध रहने के कारन पुलिस ने सभी आरोपियों का नाम पीड़िता की मां द्वारा बताए जाने के बावजुद कुछ आरोपियों का नाम दर्ज नही किया।

पीड़िता की मां आर्थिक रुप से कमजोर जरुर थी, लेकिन न्याय के लिए अपनी जान की भी परवाह नही कीः

आरोपी बसंत यादव द्वारा अपने उपर लगे मामले को उठाने के लिए शाम-दाम दंड-भेद का जमकर उपयोग किया गया, लेकिन पीड़ित छात्रा की मां ने भी कसम खा रखी थी अन्याय के समक्ष घुटने नही टेकने की और आर्थिक रुप से कमजोर होने के बावजुद अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए न्याय का दरवाजा खटखटाते रही, जिसका परिणाम ये निकला की आरोपी बसंत यादव को पोस्को के विशेष अदालत ने 20 वर्ष की सजा सुनाई।

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