रिपोर्ट संजय वर्मा…
चाईबासा(मनोहरपुर प्रखंड)- पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड में गुरुवार को एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग एक करोड़ रुपए नगद के साथ रेंजर विजय कुमार और उनके कंप्यूटर ऑपरेटर मनीष पोद्दार को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
रेंजर के सरकारी आवास से लगभग एक करोड़ नगद बरामदः
मनोहरपुर के गणेश प्रमाणिक की शिकायत पर एसीबी की टीम ने रेंजऱ विजय कुमार को गिरफ्तार किया है। गणेश प्रमाणिक ने लकड़ी के पुराने पलंग को जमशेदपुर ले जाने के एवज में ढाई हजार रुपए घूस मांगने की शिकायत एसीबी से की थी। इसके बाद एसीबी के डीएसपी एस तिर्की के नेतृत्व में हुई कार्रवाई के दौरान घूस लेते हुए रेंजर और उनके कंप्यूटर ऑपरेटर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इसके बाद टीम ने उनके सरकारी आवास की तलाशी ली, तो आवास से 99 लाख 2 हजार 540 रुपया नगद बरामद किया गया। इसके बाद एसीबी की टीम दोनों को गिरफ्तार कर जमशेदपुर ले गई। जमशेदपुर में कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
सारंडा वन प्रक्षेत्र में सक्रीय लकड़ी तस्करों से रेंजर का है मधुर संबंधः
जानकारी देते चलें कि रेंजर विजय कुमार का संबंध उन लकड़ी तस्करों से है, जो लगातार सारंडा वन क्षेत्र में साल वृक्षों की कटाई कर साल बोटों की तस्करी कर रहे हैं। लकड़ी तस्करों से ही हर माह रेंजर विजय कुमार की लाखों रुपये की अवैध कमाई हो रही है। जनवरी माह 2022 में “ताजा खबर झारखंड” के संवाददाता द्वारा रेंजर विजय कुमार को फोन कर जानकारी दी गई कि, सारंडा वन प्रक्षेत्र के कुंबिया में सैंकड़ों की संख्या में साल का पेड़ काटा गया है और रात के अंधेरे में काटे गए साल के बोटों की ढुलाई ट्रैक्टर से हो रही है। “ताजा खबर झारखंड” द्वारा सूचना दिये जाने के बावजुद रेंजर ने लकड़ी तस्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की। लेकिन जब दूसरी बार उन्हें फोन कर कार्रवाई के संबंध में पुछा गया, तो उन्होंने कहा कि, कुंबिया नक्सली क्षेत्र है इसलिए वन विभाग की टीम वहां तक जाने में सक्षम नही है। इस खबर का प्रसारण “ताजा खबर झारखंड” में काफी प्रमुखता से किया गया, जिसके बाद खबर की गंभीरता को देखते हुए जिले के आईएफएस, प्रीजेशकांत जेना ने स्वयं लकड़ी माफियों के खिलाफ कार्रवाई शुरु की और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारन सीआरपीएफ फोर्स की तैनाती कर सारंडा वन प्रक्षेत्र के कुंबिया जंगल में लकड़ी तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। छापेमारी के दौरान लकड़ी तस्कर तो भागने में सफल रहें, लेकिन आईएफएस़ प्रीजेशकांत जेना ने कुंबिया के जंगल से लगभग 1 करोड़ रुपये मुल्य के साल का बोटा बरामद किया।
लकड़ी तस्कर रेंजर का नाम लेकर विरोध करने वाले ग्रामीणों को धमकाया करते थेंः
कुंबिया के जंगल और आसपास के क्षेत्रों में समाचार संकलन के दौरान स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जानकारी मिली कि, रेंजर विजय कुमार का दुबिल के लकड़ी तस्कर बीर सिंह हांसदा, दुईया के लकड़ी तस्कर राजू सांडिल और जमकुंडी के लकड़ी तस्कर लगुरा देवगम के साथ मधुर संबंध था। ये तीनों लकड़ी तस्कर बेखौफ साल वृक्षों की कटाई करवाया करते थें। गांव के लोग जब साल वृक्ष काटने से मना करते थें, तो लकड़ी तस्करों द्वारा ये धमकी दिया जाता था कि, कोई अधिकारी कुछ नही करेगा, सबको हिस्सा दिया जाता है। ये तीनों लकड़ी तस्कर दिन के उजाले में साल वृक्षों की कटाई करवाते थें और रात के अंधेरे में दर्जनों ट्रैक्टर से साल बोटों की ढुलाई करवाया करते थें, यहां तक कि वन विभाग के चेक नाका में भी इनके लकड़ियों को जब्त नही किया जाता था, क्योंकि रेंजर विजय कुमार के आदेश की अवहेलना करना वन विभाग के छोटे कर्मचारियों के बुते की बात नही थी।
कूल मिला कर रेंजर, विजय कुमार के पाप का घड़ा भर गया था, जो मात्र ढ़ाई हजार रिश्वत के कारन छलक गया और अन्ततः 99 लाख 2 हजार 540 रुपया एसीबी की टीम ने रेंजर के सरकारी आवास से बरामद करने में सफलता पाई। अब देखने वाली बात ये होगी कि मामले में आयकर विभाग और ईडी किस तरह जांच करती है? मामले की लिपापोती होगी या सही तरीके से जांच कर, इस भ्रष्ट रेंजर को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाती है, ये आने वाले समय में ही पता चलेगा।