पंचायत सचिवालयकर्मी अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर अपने-अपने घरों पर रहें हड़ताल में…
रिपोर्ट- वसीम अकरम…
रांचीः झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की दिनांक 17 मई 2020 की संपन्न हुई राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में 31 मई को पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ झारखंड के आह्वान पर पंचायत सचिवालयकर्मी अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर अपने अपने घरों पर हड़ताल में रहें।
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ की तीन सुत्री मांगों में पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक के सदस्यों की सेवा स्थाई (नियमित) करने, स्वयं सेवकों को मिलने वाले प्रोत्साहन राशि को हटाकर उचित मानदेय दिया जाए और राज्य स्तर पर मोनिट्रिंग सेल का गठन किया जाए ताकि स्वयं सेवकों की समस्या और मांग इसी सेल के द्वारा सुनिश्चित हो।
झारखंड के सभी संविदाकर्मी ठगा महसूस कर रहे हैः
पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय महागठबंधन के सभी दलों ने चुनावी घोषणा में यह वादा किया था कि, झारखंड में जितने भी संविदा कर्मी हैं, चाहे वह पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक के सदस्य हों, रोजगार सेवक हों, पारा शिक्षक हों, कृषक मित्र, उर्जा मित्र, रसोईया, संयोजीका हों या फिर किसी भी विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर हों। सभी लोगों की सेवा स्थाई की जाएगी, लेकिन गठबंधन की सरकार ने अब तक घोषणा के अनुरुप काम नही किया है। झारखंड के सभी संविदा कर्मी और युवा ठगा महसूस कर रहे हैं।
मांगे नहीं माने जाने पर लॉक डाउन समाप्ति के बाद, जोरदार आंदोलन किया जाएगाः चन्द्रदीप कुमार
वहीं चन्द्रदीप कुमार ने ये भी कहा कि हम लोगों की मांग अगर ये सरकार पूरा नहीं करती है, तो कोरोना महामारी एवं लॉक डॉन खत्म होने के बाद झारखंड राज्य में जितने भी संविदा कर्मी संगठन है, उन सभी को साथ लेकर झारखंड सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए वाद्य होना पड़ेगा। इसलिए पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक के सदस्य झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन से आग्रह करते हैं कि सभी कर्मियों से जो वादा किया गया था, उसे सरकार पूरा करे।