किसान आंदोलन के एक वर्ष पुरा होने पर 26 नवंबर को राजभवन के समक्ष होगी जनसभा, किसान और आम जनता के मुद्दों को रखा जाएगा सरकार के समक्ष…

0
3

रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः 26 नवंबर को झारखंड जन संघर्ष मोर्चा ने किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरा होने और केन्द्र एवं झारखंड सरकार से विभिन्न सिविल व मानवाधिकारों की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष शांतिपूर्ण जनसभा करने का निर्णय लिया है। इस जनसभा में मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय किसान यूनियन(क्रांतिकारी) के सदस्य सुखविंदर कौर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा विभिन्न जनसंगठनों के सदस्य, प्रबुद्ध लोग और आम जनता उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम की जानकारी एसडीसी सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मोर्चा के नेता दामोदर तुरी और बच्चा सिंह ने दी।

झारखंड जनसंघर्ष मोर्चा, झारखंड के विभिन्न जनसंगठनों का एक साझा मंच है। इसलिए इस जनसभा में सभी जनसंगठनों की भी भागेदारी रहेगी। विदित हो कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन आंदोलनों के दबाव में आकर तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की है। पीएम मोदी की ये घोषणा किसान आंदोलन की जीत है। लेकिन किसानों की मांग है कि, न्यूनतम समर्थन मुल्य को पूर्णरुपेण लागू किया जाए और नये बिजली कानून को रद्द किया जाए। झारखंड जनसंघर्ष मोर्चा केन्द्र सरकार से ये भी मांग करती है कि किसानों की जमीन लूटना बंद करे, सभी किसानों की उपज का सही मुल्य मिले, किसानों के लिए सिंचाई, खाद-बीज की सुविधा मुफ्त दी जाए और कृषि का निजीकरण बंद करे। इसके अलावे धान क्रय में पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार किया जाए। क्योंकि भूमिहीन किसान और कृषि मजदूरों के पास जमीन का खतियान और रसीद नहीं होता है, जिसके कारण ये लोग सरकार द्वारा धान क्रय नही करने पर विचौलियों के पास औने-पौने मुल्य पर धान बेचने के लिए विवश हो जाते हैं। झारखंड जन संघर्ष मोर्चा सरकार से ये भी मांग करती है कि, सीएनटी/एसपीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाए, जन वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जाए, मनरेगा योजना में मशीन के माध्यम से काम बंद करवाया जाए, विस्थापितों का समुचित पुनर्वास एवं बकाया राशि का भुगतान किया जाए, रघुवर दास सरकार द्वारा पूर्व में लैंड बैंक में जमा किए गए 20.58 लाख एकड़ जमीन भूमिहीन किसानों के बीच वितरित किया जाए, जैसे मुद्दों को लेकर झारखंड जन संघर्ष मोर्चा 26 नवंबर को राजभवन के समक्ष जनसभा करने के बाद राज्यपाल को मांगो से संबंधित ज्ञापन भी सौंपने का काम करेगी।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते झारखंड जन संघर्ष मोर्चा के नेता.

यूएपीए का गलत उपयोग किया जा रहा हैः दामोदर तुरी

मौके पर मोर्चा के दामोदर तुरी ने यूएपीए जैसे काले कानून को रद्द करने की मांग की। दामोदर तुरी ने कहा कि इस कानून के आड़ में सरकार जनआंदोलनो को कुचलने का काम कर रही है। जो भी संगठन या व्यक्ति जनता के मुद्दों को लेकर सरकार से सवाल करती है उन्हें इस काला कानून का उपयोग कर सलाखों के अंदर डाल देती है। वर्तमान में हजारों लोग सलाखों के अंदर है। पहले सरकार यूएपीए का उपयोग जनसंगठनों पर करती थी, लेकिन वर्तमान में इस काले कानून का उपयोग व्यक्ति विशेष पर भी कर रही है।

हेमंत सोरेन ने चुनाव से पूर्व जो वादा किया था, उसे पुरा नही कर रही हैः बच्चा सिंह

मोर्चा के नेता बच्चा सिंह ने कहा कि चुनाव से पूर्व हेमंत सोरेन ने कई वादे किए थें। लेकिन उसे पुरा नही किया गया है। डोली मजदूर मोतीलाल बास्के की हत्या को हेमंत सोरेन ने भी फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने की बात स्वीकार किया था, जिसे लेकर मजदूरों ने जोरदार आंदोलन किया था और हेमंत सोरेन मजदूरों के साथ खड़े थें, लेकिन उनकी सरकार बनने के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई नही हुई और ना ही मोतीलाल बास्के के परिजनों को न्याय मिला।  

Leave A Reply

Your email address will not be published.