Categories
मुद्दा राजनीति

3, 4 और 5 अप्रैल को भाकपा माओवादी संगठन ने किया बंद का आह्वान….

7

रिपोर्ट- “ताजा खबर झारखंड” ब्यूरो…
रांचीः भाकपा माओवादी संगठन ने दिनांक 25 मार्च और 29 मार्च को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 3,4 और 5 अप्रैल को बंद का आह्वान किया है।

5 अप्रैल को बंद का आह्वान, बिहार-झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम में किया गया हैः

Realese

पूर्वी रीजनल ब्यूरो द्वारा 25 मार्च को जारी किया गया प्रेस विज्ञप्ति.

25 मार्च को जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्वी रिजनल ब्यूरो के प्रवक्ता, संकेत ने केन्द्रीय कमेटी और पूर्वी रीजनल ब्यूरो सदस्य कामरेड, अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ कंचन दा की गिरफ्तारी और हिरासत में लेकर पुछताछ के क्रम में मानसिक यातना देने, शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद बेहतर ईलाज की समुचित व्यवस्था व आवश्यक दवा मुहैया कराने में कोताही बरतने के विरुद्ध साथ ही राजनीतिक बंदी का दर्जा देने व अविलंब बिना शर्त रिहा करने की मांग को लेकर 5 अप्रैल 2022 को बंद का आह्वान, बिहार-झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम में किया है।

3 और 4 अप्रैल 2022 को पूरे बिहार-झारखंड़-बंगाल, यूपी सहीत बंगाल-झारखंड से सटे उड़ीसा-छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती जिलों में बंद का आह्वान:

Release

29 मार्च को जारी किया गया विज्ञप्ति.

29 मार्च को भी पूर्वी रिजनल ब्यूरो के प्रवक्ता, संकेत ने दूसरी प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए 3 और 4 अप्रैल 2022 को पूरे बिहार-झारखंड़-बंगाल, यूपी सहीत बंगाल-झारखंड से सटे उड़ीसा-छत्तीसगढ़ के सभी सीमावर्ती जिलों में बंद का आह्वान किया है। 29 मार्च को जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने कहा है कि, आजादी के बाद सेही कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में लागू सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को फासिस्ट मोदी सरकार पूरे देश में लागू कर मुट्ठी भर पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हांथों में देश के जल-जंगल-जमीन जैसे तमान प्राकृतिक संसाधनों सहीत तमाम राष्ट्रीय उद्योंग, सरकारी बैंक, यातायात के साधन और व्यापार के माध्यमों को सौंपने के लिए भारत के तमाम जनता के राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक अधिकारों को छीन कर, व्यापक जनता का जनवाद समाप्त कर गुलाम बनाने का काम कर रही है, इसलिए इसके विरोध में 3 और 4 मार्च को बंद का आह्वान किया गया है।

विज्ञप्ति में आगे ये भी लीखा गया गया है कि, मोदी सरकार द्वारा बर्बर तरीके से दमनात्मक मुहीम चलाया जा रहा है। फासीवाद का विरोध करने वाले संसदीय, गैर संसदीय विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के नेताओं, कार्यकर्ताओं, समर्थकों व जनता पर निर्मम अत्याचार व उत्पीड़न करके जेलों में भरा जा रहा है। भाकपा माओवादी के वयोवृद्ध, पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड प्रशांत बोस व उनकी पत्नी शीला मरांडी सहीत पूरे देश में बंद हजारों की संख्या में महिला-पुरुष माओवादी नेता, कार्यकर्ता व समर्थकों को बिना विचारण के जेलों मे कैद कर रखा गया है। भीमा कोरेगांव कांड में जालसाजी के तहत फंसाये गए देश के कई गणमान्य बुद्धिजीवियों पर भारी अत्याचार हो रहा है। झारखंड के फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु जेल में अत्याचार और ईलाज के अभाव में हो गई। इसके अलावे एनआरसी, एनपीआर, सीएए जैसे जघन्य काले कानूनों के तहत विधायिका भारतीय जनता के जनवाद के सारे रास्ते बंद कर दासता की बेड़ी में जकड़ने का हर संभव प्रयास जारी रखे हुए हैं। शस्त्र बलों को बेलगाम छोड़ कर जनता पर बर्बर अत्याचार करवा रही है। ऐसी स्थिति में भाकपा माओवादी संगठन, के तमाम स्तर के कमेटियों के नेताओं व आम सदस्यों समेत पीएलजीए के तमाम फॉर्मेशनों के कमांडरों, सहायक कमांडरों और सभी योद्धाओं एवं विभिन्न जन संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को जनता के साथ गंभीर सहानुभूति रखकर उनके हर दुख-दर्द में शामिल रह कर एकजुट करने, विभिन्न तरह के फासीवाद विरोधी संयुक्त मोर्चा में विभिन्न सामाजिक व राजनीतिक दलों को शामिल करने और राष्ट्रव्यापी क्रांतिकारी जन आंदोलन व वर्ग युद्ध को उन्नत स्तर में ले जाने का भार अपने कंधे में उठाने का आह्वान करते हैं। साथ ही आहुत बंद को सफल बनाने का आह्वान भी भाकपा माओवादी संगठन के पूर्वी रिजनल ब्यूरो द्वारा किया जाता है।

By taazakhabar

"TAAZA KHABAR JHARKHAND" is the latest news cum entertainment website to be extracted from Jharkhand, Ranchi. which keeps the news of all the districts of Jharkhand. Our website gives priority to news related to public issues.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *