पंचायत स्तर पर संचालित दीदी किचन योजना का सभी जरुरतमंदों को नही मिल रहा लाभ…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

खूंटीः राज्य सरकार के अनुशार झारखंड के हर पंचायत में 6628 मुख्यमंत्री दीदी किचन, पुलिस थानों में चल रहे कम्यूनिटी किचन एवं सीएम किचन के माध्यम से प्रतिदिन 12 लाख से भी अधीक लोगों को निःशुल्क भोजन करवाया जा रहा है। इसका लाभ वैसे लोगों को मिल रहा है, जो व्यक्ति लॉक डाउन में कहीं फंसा हुआ हैं, दिहाड़ी मजदूर या भी काफी गरीब परिवार से हैं। लेकिन इनमें से एक दीदी किचन का संचालन ग्रामीण विकास विभाग, जेएसएलपीएस द्वारा हर पंचायत में महिला स्वयं सहायता समुहों से करवा रही है, जिसमें कई तरह की खामियां देखी जा रही है।

पंचायत जनप्रतिनिधियों को भी ये जानकारी नहीं, कि उनके पंचायत में दीदी किचन संचालित हैः

मंगलवार को हमारी टीम ने खूंटी जिला मुरहू प्रखंड स्थित, गोड़ाटोली पंचायत के सेल्दा गांव का दौरा किया, जहां “कमल बा ग्राम संगठन सेल्दा, महिला समिति” द्वारा दीदी किचन संचालित है, लेकिन इसकी जानकारी इस पंचायत के किसी भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नही है। जेएसएलपीएस द्वारा सीधे तौर पर इस महिला समिति से संपर्क कर दीदी किचन शुरु करवाया गया, लेकिन इस महिला समिति को सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना के बारे में पूरी जानकारी नही दी गई या यूं कहें कि जान बुझ कर महिला समिति के सदस्यों को अंधेरे में रखा गया जिसके कारन यहां के गरीब परिवारों को इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ नही मिल पा रहा है।

5,500 की आबादी में 15 प्रतिशत के पास राशन कार्ड नहीं और लगभग 1,500 दिहाड़ी मजदूरः

दरअसल गोड़ाटोली पंचायत में कूल 7 गांव हैं और यहां की कूल आबादी लगभग 5,500 है, जिसमें लगभग 15 प्रतिशत लोगों के पास राशन कार्ड नहीं और लगभग 1500 लोग दिहाड़ी मजदुरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। हकीकत में ये योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन जैसे लोगों के लिए ही शुरु करवाई है, ताकि इन दिहाड़ी मजदूर और गरीब लोगों को दो वक्त का खाना मिल सके। लेकिन यहां ऐसा होता नही दिख रहा है। महिला समिति के सदस्यों को ये जानकारी भी ठीक से नहीं कि कैसे लोगों को भोजन बना कर देना है। महिला समिति की सदस्या सिंगी मुंडू ने बताया कि यहां प्रतिदिन लगभग 100 लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। जेएसएलपीएस द्वारा शुरु में 20,000 रुपया दिया गया था, उसी पैसे से चावल छोड़ कर अन्य खाद्या सामाग्री और जलावन के लिए लकड़ियां खरीदी जाती है। चावल जेएसएलपीएस उपलब्ध करवाती है। लेकिन दो दिन चावल नही रहने के कारन दीदी किचन बंद रखा गया था।

पंचायत के सभी गरीब और असहाय लोगों को नही मिल रहा भोजनः

सिंगी मुंडू ने ये भी बताया की पूर्व में ज्यादा लोगों को भोजन करवाया जा रहा था, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही जेएसएलपीएस द्वारा ये निर्देश दिया गया कि सिर्फ विकलांग और बेहद गरीब लोगों को ही भोजन देना है। इसके अलावा सभी सात गांवो में महिला समिति जरुरतमंदों के बीच भोजन नहीं पहुंचा पा रही है, क्योंकि सेल्दा गांव से अन्य गांवों की दूरी काफी अधीक है।

महिला समिति में मास्क और सेनेटाईजर की नही है व्यवस्थाः

जिस वक्त “ताजा खबर झारखंड” की टीम उक्त महिला समिति में पहुंची, उस वक्त वहां कई ग्रामीण महिलाऐं और समिति की सदस्य समुह में बैठ कर समिति का काम कर रही थीं। सवाल करने पर पता चला कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और सेनेटाईज करने की जानकारी इन ग्रामीण महिलाओं को नही है। स्वाभाविक है कि इस गंभीर मामले पर इन्हें कोई जानकारी संबंधित लोगों द्वारा नही दी गई है, और ना ही सुरक्षित रहने का साधन ही इन्हें उपलब्ध करवाया गया है।

खामियों को लेकर पंचायत के मुखिया सोमा कैथा ने जेएसएलपीएस के अधिकारी को लगाई फटकारः

लॉक डाउन के दौरान सेल्दा गांव में मीडिया के पहुंचने की जानकारी के बाद गोड़ाटोली पंचायत के मुखिया सोमा कैथा सेल्दा गांव पहुंचे, जहां इस मामले पर हमारी टीम द्वारा उन्हें अवगत करवाया गया, जिसके बाद मुखिया ने जेएसएलपीएस के अधिकारी रवि से बात की। बातचीत के बाद जेएसएलपीएस अधिकारी रवि ने महिला समिति की सदस्या सिंगी मुंडू से फोन कर कहा कि मुखिया जो कर रहे हैं उनकी बात को आपलोग मानें, यानि दीदी किचन का लाभ हर जरुरतमंदों को दिया जाए।

सरकार के आदेशानुसार रांची जिले में भी दीदी किचन का गरीबों को नहीं मिल पा रहा है लाभः आरती कुजूर, जिप सदस्य, नामकुम

बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष सह जिला परिषद् सदस्य आरती कुजूर ने भी दीदी किचन मामले में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुरुप दीदी किचन का लाभ गरीबों को नही मिल रहा है। एक दीदी किचन से मात्र 70 से 80 लोगों को ही भोजन मिल पा रहा है। महामारी को लेकर लागू किए गए लॉक डाउन में सरकार से ज्यादा अच्छा काम सामाजिक संगठन, सक्षम लोग और कुछ एनजीओ कर रहे हैं, जो सरकार से ज्यादा जरुरतमंदों को राहत सामाग्री उपलब्ध करवा रहे हैं।  

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