धजवा पहाड़ पर हुए पत्थर खनन को NGT ने अवैध करार दिया, पर्यावरण को हुए नुकशान का आंकलन करने के लिए झारखंड प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को दिया आदेश…
रिपोर्ट- संजय वर्मा…
रांचीः 5 अप्रैल, मंगलवार को धजवा पहाड़ पर हुए पत्थर खनन मामले में एनजीटी कोर्ट में सुनवाई हुई। पलामू उपायुक्त द्वारा एनजीटी में सौंपे गए जांच रिपोर्ट और अधिवक्ता अनूप अग्रवाल द्वारा एनजीटी कोर्ट में रखे गए सबुतों के आधार पर एनजीटी कोर्ट ने धजवा पहाड़ पर हुए माईनिंग को अवैध करार दिया और झारखंड प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को ये आदेश दिया कि, अवैध माईनिंग से पर्यावरण को कितना नुकशान पहुंचा है? इसका आंकलन कर, दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट जमा करे।
मेरे बाल यूं ही सफेद नही हुए हैः माननीय न्यायाधीश, एनजीटी
इससे पूर्व माईनिंग कंपनी के अधिवक्ता, संदीप प्रसाद साव ने कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि, जिस प्लॉट नः 1048 पर विवाद है, वो अप्रोच रोड़ है और वहां पहले से ही गड्ढा है। इस पर माननीय न्यायधीश आक्रोशित होते हुए कहें कि, मेरे बाल यूं ही सफेद नही हुए हैं। माईनिंग लीज जब प्लाट नः 1046 में दिया गया है, तो प्लाट नः 1048 पर 4 जगहों पर 6 से 10 फीट का गड्ढ़ा क्यों खोदा गया? ये पुरा मामला अवैध माईनिंग का है। पुरे मामले को देख कर स्पष्ट होता है कि, पलामू जिला प्रशासन माईनिंग कंपनी के पक्ष में काम कर रहा है। प्रखंड के अंचलाधिकारी और अमीन को सब पता है कि, प्लॉट नः 1048 पर अवैध माईनिंग हो रहा है, फिर भी माईनिंग कंपनी के उपर कोई कार्रवाई नही करना ये साबित करता है, कि ये सभी अधिकारी पैसा खा कर कंपनी के पक्ष में काम करते हुए कंपनी के अवैध कार्य को वैध करने की जुगत में लगे हुए हैं।
पर्यावरण को हुए नुकशान का आंकलन करने के बाद, माईनिंग कंपनी पर लगाया जाएगा जुर्मानाः
एनजीटी कोर्ट ने इस मामले में कंपनी को अवैध माईनिंग का दोषी करार दिया और झारखंड प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिया कि, अवैध माईनिंग स्थल(धजवा पहाड़, पांडू प्रखंड) जा कर ये आंकलन करे कि, पर्यावरण को कितना नुकशान पहुंचाया गया है, और कंपनी पर कितना जुर्माना लगाया जाए। प्रदुषण नियंत्र बोर्ड आंकलन कर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपे। मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
हाईलेबल जांच कमेटी ने प्लॉट नः 1048 पर 4 जगहों पर 6 से 10 फीट का गड्ढ़ा पायाः
जानकारी देते चलें कि एनजीटी के आदेश के बाद पलामू उपायुक्त ने एक हाई लेबल जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने जांचोपरांत जांच में पाया कि, प्लॉट नः 1048 में 4 जगहों पर अवैध माईनिंग किया गया है। यहां 4 जगहों पर 6 से 10 फीट का गड्ढा पाया गया है।
18 नवंबर 2021 से धजवा पहाड़ की तलहटी पर शुरु किया गया आंदोलन अब भी है जारीः
बीते वर्ष 2021 के नवंबर माह में ताजा खबर झारखंड की टीम ने धजवा पहाड़ में हो रहे अवैध पत्थर खनन स्थल का दौरा कर, स्थानीय ग्रामीण और जन संगठन के लोगों से मुलाकात कर पुरे मामले की जानकारी लेने के बाद, अवैध पत्थर खनन मामले की खबर का प्रकाशन काफी प्रमुखता से किया था। इसके बाद यहां धजवा पहाड़ बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया और इसी संगठन के बैनर तल्ले एक बड़ा आंदोलन पत्थर माफिया के खिलाफ शुरु किया गया। संघर्ष समिति का साथ जन संग्राम मोर्चा, सीपीआई माले-रेड स्टार के साथ अन्य कई संगठनों ने दिया और पांडू प्रखंड के कुटमू पंचायत से शुरु हुआ ये आंदोलन देखते ही देखते एक बड़े आंदोलन का रुप ले लिया। 18 नवंबर 2021 से यहां धजवा पहाड़ की तलहटी पर स्थानीय ग्रामीण और जनसंगठन के लोगों द्वारा धरना-प्रदर्शन शुरु किया, फिर धरना प्रदर्शऩ को क्रमिक अनशन में बदलते हुए आंदोलन अब तक जारी है।
कंपनी ने स्थानीय पुलिस के साथ मील कर आंदोलनकारियों को झुठे मुकदमें में भी फंसाने का काम कियाः
धजवा पहाड़ बचाओं संघर्ष समिति के आंदोलन को कुचलने के लिए स्थानीय पुलिस ने भी कोई कोर- कसर नही छोडी। कंपनी के पक्ष में काम करते हुए पांडू थाना के थाना प्रभारी ने अवैध माईनिंग कर रहे कंपनी के लोगों के साथ मील कर धरने में बैठे लोग, यहां तक की बुजूर्ग आंदोलनकारियों को भी नहीं छोड़ा। आंदोलनकारियों को अपशब्द कहा और धक्का-मुक्की की। जिस टेंट के नीचे ये लोग आंदोलन कर रहे थें, उस टेंट को भी उखाड़ फेंका था। कंपनी के ईशारे पर थाना प्रभारी ने संघर्ष समिति से जुड़े दर्जनों लोगों पर माईनिंग कंपनी में जा कर तोड़-फोड़ और लूटपाट करने का झुठा मुकदमा दर्ज किया। आंदोलनकारी इस पुलिसिया बर्बरता से नही डरें और आंदोलन अब भी जारी रखे हुए हैं।