भवन निर्माण विभाग की लापरवाही, जर्जर स्कूल भवन तोड़ा, लेकिन नया स्कूल भवन नही बनवाया, शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान..

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी

भवन निर्माण विभाग की लापरवाही, जर्जर स्कूल भवन तोड़ा, लेकिन नया स्कूल भवन नही बनवाया, शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान..

रांचीः पूर्व के रघुवर सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता का खामियाजा सरकारी स्कूल के बच्चे भुगतने को विवश हैं। मामला है राजधानी रांची के जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर की दुरी पर स्थित महादेव टोली के प्राथमिक विद्यालय का। इस स्कूल के बच्चे भवन निर्माण विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हैं।

दरअसल प्राथमिक विद्यालय का स्कूल भवन काफी जर्जर हो चुका था। आनन फानन में भवन निर्माण विभाग ने जर्जर स्कूल भवन को ध्वस्त तो जरुर कर दिया, लेकिन बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान उत्पन्न ना हो इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की। यानि नये स्कूल भवन का निर्माण किए बगैर ही पुराने स्कूल भवन को ध्वस्त कर दिया।

नवंबर माह से ही बच्चों को कड़कड़ाती ठंड में खूले आसमान के नीचे पढ़ाया जा रहा हैः

स्कूल के शिक्षक बताते हैं कि स्कूल भवन को नवंबर 2019 में तोड़ दिया गया था, तब से लेकर अब तक बच्चों को इस कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं बच्चों का मीड डे मील भी खुले आसमान के नीचे ही बनाया जा रहा है। यहां बच्चे भी अपने आप को काफी असुरक्षित महसूस करते हैं।

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने लिया मामले मे संज्ञानः

मामले की जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री, जगरनाथ महतो को दी गई, जिसके बाद उन्होंने महादेव टोली जाकर पुरे मामले की जानकारी ली। शिक्षा मंत्री ने हर वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद मौके पर मौजुद अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर स्कूल भवन बनवानें का आदेश दिया। उन्होनें कहा कि वे 15 दिनों के बाद फिर आएंगे और देखेंगे कि भवन निर्माण का काम कितना पूरा हुआ है।

शिक्षा को लेकर वर्तमान हेमंत सरकार गंभीरः

पूर्व की झारखंड सरकार शिक्षा को लेकर कितने गंभीर थें, ये महादेव टोली स्थित प्राथमिक विद्यालय में देखने को मीला। महादेव टोली सिर्फ एक उदाहरण मात्र है, झारखंड में कई ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां शिक्षकों की कमी के कारन बच्चों की पढ़ाई पुरी नही हो रही है तो कहीं संसाधनों की कमी के कारन। जरुरत है वर्तमान सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था सुधारने की। हलांकि वर्तमान शिक्षा मंत्री शिक्षा को लेकर काफी गंभीर दिख रहे हैं। उन्हें जहां कहीं भी लापरवाही की सूचना मील रही है, वे स्वयं वहां का दौरा कर खामियों को दूर करने का निर्देश शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को दे रहे हैं।

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