मिशनरी झारखंड छोड़े, पत्थलगड़ी आंदोलन चर्च प्रायोजित थाः सालखन मुर्मू

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः ट्राईबल एडवाइजरी काउंसिल के मामले में राज्य सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन कर लिए जा रहे निर्णय के खिलाफ, आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सालखन मुर्मू ने राज्यपाल से राज्य में धारा 370 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा कि, झारखंड में कांस्टीट्यूशनल ब्रेकडाउन की स्थिति बन चुकी है।

हेमंत सोरेन ने किया है राज्यपाल के अधिकार का हाईजेकः सालखन मुर्मू

सालखन मुर्मू ने आगे कहा कि, संविधान के अनुशार राज्य में टीएसी गठन का अधिकार राज्यपाल महोदय का है, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अधिकारों को हाईजेक करते हुए टीएसी क गठन किया, जो संविधान का उल्लंघन है। झारखंड में कांस्टीट्यूशनल ब्रेकडाउन की स्थिति बन गई है, इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग मैं करता हूं।

राजभवन से भी हुई है गलतीः सालखन मुर्मू

सालखन मुर्मू ने झारखंड के ब्यूरोक्रेसी को गलत बताते हुए राजभवन को भी निशाने पर लिया। उन्होंने बताया कि राजभवन की ओर से बताया गया था कि टीएसी के सिर्फ दो सदस्यों का चुनाव राजभवन कर सकता है, जो गलत है। राज्यपाल सभी 20 सदस्यों का चुनाव कर सकते हैं, मुख्यमंत्री सिर्फ अनुशंसा कर सकते हैं।

आदिवासी से ईसाई बने लोगों का डी-लिस्टिंग होना चाहिएः सालखन मुर्मू  

सालखन मुर्मू ने पत्थलगड़ी आंदोलन को चर्च प्रायोजित बताया। सालखन ने सीधे तौर पर चर्च पर आदिवासियों की परंपरा-संस्कृति, रहन-सहन बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि, राज्य में आदिवासी से धर्मांतरण कर ईसाई बने लोगों का डी-लिस्टिंग होना चाहिए। ये मांग आदिवासी सेंगल अभियान करता है।

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