लॉक डाउन- इन्सानों को मयस्सर नहीं, पशु उड़ा रहे हैं हरी सब्जियों की दावत…

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रिपोर्ट- अन्नू साहू…

रांची(बुड़मू प्रखंड)- राजधानी रांची मुख्यालय से महज 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है गिंजों ठाकुर गांव, जिसकी पहचान सब्जी उत्पादक क्षेत्र के रुप में भी है. लॉक डाउन के दौरान यहां के 2 दर्जन से भी ज्यादा किसान दूध नाली में बहा चुके हैं, और अब यहां के किसान अपने खेतों में तैयार हरी सब्जियों को फेंकने और पशुओं को खिलाने के लिए बाध्य हो चुके हैं. कारन स्पष्ट है कि क्षेत्र में हजारों हजार क्विंटल र गोभी, बंधा गोभी, टमाटर, गाजर, बैंगन के साथ और भी कई हरी सब्जी खेतों में तैयार है, लेकिन लॉक डाउन के कारन इन फसलों को खरीदने के लिए गांव में बड़े व्यापारी नही पहुंच पा रहे हैं, और स्थानीय बाजारों तक ले जाने के लिए कोई साधन और समय नही, बाध्य हो कर किसान या तो हरी सब्जी अपने दुधारु पशुओं को खिला रहे हैं, या फिर तैयार खड़ी हरी सब्जियों के खेतों में अपने पशुओं को सब्जी चरने के लिए छोड़ दे रहें हैं. कूल मिला कर सैंकड़ों किसान लाखों का नुकशान सहने के लिए बाध्य हैं.

1 रुपया पीस बंधा गोभी और 2-3 रुपये में फूल गोभी व्यापारी चाहते हैं खरीदनाः

सब्जी उत्पादक किसान बताते हैं कि, फसल को मंडी तक ले जाने में जितना खर्च आता है उतना पैसा भी नहीं मिलता, जिसके चलते हम लोग तैयार फसल जानवरों को खिला रहे हैं, जिससे हम लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब होते जा रही हैं. जो व्यापारी खेतों तक पहुंच रहे हैं, वे लो 1 रुपया पीस बंधा गोभी और 2 रुपया पीस फूल गोभी खरीदना चाहते हैं, टमाटर 3-4 रुपया किलो भी लोग खरीदने के लिए तैयार नही हैं.

सरकार से किसानों की मांगः

पूर्व में किसानों की फसल ओलावृष्टि में नष्ट हो चुकि और इस बार लॉक डाउन के कारन, इस तरह काफी कम अन्तराल में किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ी है. किसानों को काफी नुकशान हुआ है. इसलिए क्षेत्र के किसानों ने सरकार से मांग की है, कि सरकार अविलंब किसानों को आर्थिक सहायता के साथ फसलों का मुआवजा देने का काम करे, ताकि किसान अगली फसल की तैयारी कर सकें.

https://youtu.be/nk3tUA47_e0 किसानों की हालत वीडियों में देखें….

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