रिपोर्ट- बिनोद सोनी…
राँची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पूर्व सीएम रघुवर दास के कार्यकाल में निर्मित झारखंड विधानसभा भवन एवं उच्च न्यायालय भवन निर्माण में हुई सभी अनियमितताओं की न्यायिक जांच कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
विधानसभा भवन के इंटीरियर वर्क के हिसाब-किताब में गड़बड़ी:
बता दें कि एचईसी क्षेत्र के कुटे में झारखंड विधानसभा के नये भवन के निर्माण में भी इंजीनियरों ने संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाया था। खबर है कि विधानसभा के इंटीरियर वर्क के हिसाब-किताब में गड़बड़ी बता कर भवन निर्माण के इंजीनियरों ने पहले 465 करोड़ के मूल प्राक्कलन को घटा कर 420.19 करोड़ कर दिया। 12 दिन बाद ही बिल ऑफ क्वांटिटी (बीओक्यू) में निर्माण लागत 420.19 करोड़ से घटा कर 323.03 करोड़ कर दिया। टेंडर निपटारे के बाद 10 प्रतिशत कम यानी 290.72 करोड़ रुपये की लागत पर रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को काम दे दिया गया। फिर ठेकेदार के कहने पर वास्तु दोष के नाम पर साइट प्लान का ड्राइंग बदला गया।
विधानसभा और हाईकोर्ट भवन निर्माण का काम एक ही संवेदक को दिया गया थाः
मालूम हो कि दोनों भवनों के निर्माण का जिम्मा एक ही संवेदक को दिया गया था। ये सारे निर्माण कार्य मेसर्स रामकृपाल कंस्ट्रक्शन के द्वारा किया गया था। झारखंड उच्च न्यायालय भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गयी थी। दायर याचिका में कहा गया है कि ये गड़बड़ी अधिकारी और संवेदक की मिली भगत से किया गया है।