रिपोर्ट- बिनोद सोनी…
राँची : जेपीएससी में व्याप्त गड़बड़ी और भ्रष्टाचार को मुद्दा बना कर आंदोलन कर रहे छात्र अब हेमंत सोरेन सरकार को दुमका और बेरमो उपचुनाव में चुनौती देंगे। इसके लिए छठी जेपीएससी के आंदोनकारी छात्रों ने रणनीति तय कर ली है। फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दुमका सीट छोड़ने के बाद दुमका सीट खाली है, वहीं कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह के निधन के बाद बेरमो सीट भी रिक्त हो चुका है।
छठी जेपीएससी परीक्षा में गड़बडी की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा अनदेखी से छात्रों में आक्रोश व्याप्त है। जेपीएससी के अभ्यर्थी इमाम सफी ने बताया कि पिछले चार साल से जेपीएससी की तैयारी कर रहा हूं। रिजल्ट आने के बाद पीटी स्तर से आखिर तक गड़बडि़यां हुईं। हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री बनने से पहले इसे दूर करने का वादा किया था और सीएम बनने के बाद वह अपने इस वादे से मुकर चुके हैं।
छात्र नेता मनोज यादव ने छठी जेपीएससी के रिजल्ट को पूरे देश में एक अजूबा बताया, उन्होंने कहा कि झारखंड पहला राज्य है जहां एक विषय में फेल अभ्यर्थी को भी पास कर अच्छा रैंक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि 8 या 9 जून को भारी संख्या में जेपीएससी कार्यालय का घेराव करने का निर्णय लिया गया है।
छात्र नेता अजय चौधरी ने बताया कि जेपीएससी छात्रों और छात्र संगठनों के बीच एक बैठक हुई है। इसमें तय हुआ है कि सड़क पर आंदोलन के साथ-साथ अब हम राजनीतिक दल बनाकर चुनाव भी लड़ेंगे।
आदिवासी छात्र संघ के नेता संजय महली ने भी हेमंत सरकार के खिलाफ जेपीएससी छात्रो का साथ देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ हेमंत सोरेन ने जो वादा किया था, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें पूरा करना चाहिए था।