वेदांता कंपनी, बोकारो में सीनियर ऑपरेटर उम्मत रसूल की कंपनी परिसर में हुई मौत, मुआवजे की मांग को लेकर परिजन बैठें अनिश्चितकालीन अनशन पर….

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रिपोर्ट- राजेश पाल…

रांचीः पलामू जिला, पांडू थाना क्षेत्र निवासी 37 वर्षीय उम्मत रसूल की मौत 26 दिसंबर को दोपहर में कंपनी परिसर के अंदर बने क्वार्टर में हो गई थी। उम्मत रसूर वेदांता कंपनी, बोकारो में सीनियर ऑपरेशन ऑपरेटर के पद पर कार्यरत्त थें। उम्मत रसूल के मौत की सूचना परिवार वालों को 26 दिसंबर को ही शायं में 7 बजे दी गई, जबकि मृतक उम्मत रसूल का छोटा भाई इसी कंपनी में कार्यरत्त है।

मृतक उम्मत रसूल के भाई ने बताया कि मुझे शायं को अस्पताल बुलाया गया। जब मैं वहां पहुंचा तो देखा कि बड़े भाई उम्मत का शव एंबुलेंस में रखा हुआ है। भाई की मौत कैसे हुई इस बारे में कंपनी की ओर से कुछ भी नहीं बताया गया। कंपनी के लोग और डॉक्टर मुझे सादे पेपर पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाल रहे थें, लेकिन मैंने हस्ताक्षर नहीं किया। इसके बाद मैंने अपने घर वालों को फोन कर बोकारो बुलवाया। मेरे परिजन 27 दिसंबर की सुबह बोकारो पहुंच गएं। परिजनों को भी मौत के कारनों के बारे में कुछ नहीं बताया गया।

मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करते मृतक के परिजन.

27 दिसंबर को ही मृतक के परिजन सिलाजोर थाना पहुंचे और पुलिस को आवेदन दिया। मौके पर परिजनों ने पुलिस को बताया की कंपनी का कोई भी अधिकारी इस बारे में बात नही कर रहा है। इस लिए आप ही कंपनी के अधिकारी से बात कर मुआवजा देने के लिए वार्ता करवाऐं। पुलिस ने कहा कि पहले शव का पोस्टमार्टम करवाईये उसके बाद बात होगी। लेकिन परिजनों द्वारा बार बार थाना प्रभारी से गुहार लगाने के बाद थाना प्रभारी ने कंपनी के एच. आर. लक्ष्मण राव से बात की, तब जाकर लक्ष्मण राव पहुंचे और परिजनों से स्पष्ट कहा कि कंपनी में ऐसा कोई निय़म नहीं है कि, मौत हो जाने के बाद किसी को मुआवजा दिया जाए। इसके बाद वे वहां से चले गएं।

कंपनी के एच.आर लक्ष्मण राव की बात से नाराज परिजनों ने एसडीओ को लिखित सूचना देकर कंपनी गेट के समक्ष ही 28 दिसंबर से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं। परिजनों की मांग है कि कंपनी में रहते हुए ही कंपनी परिसर में उम्मत रसूल की मौत हुई है। इसलिए आश्रित को उचित मुआवजा और नौकरी दिया जाए।

समाचार लिखे जाने तक शव का पोस्टमार्टम अब तक नही कराया गया है, मृतक का शव 48 घंटे बीच जाने के बाद भी पुलिस कस्टडी में अस्पताल मे ही पड़ा हुआ है। प्रशासन एवं वेदांता कंपनी की ओर से अब तक कोई साकारात्मक पहल नहीं किया गया है।

इस मामले में कंपनी का पक्ष लेने के लिए कंपनी के एच. आर, लक्ष्मण राव से दो बार उनके मोबाईल न. 86510-02000 पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया।

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