झारखंड के आगामी बजट में अल्पसंख्यकों के बजट में बढ़ोतरी के विषय पर हुई बैठक, अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बजट प्रवाधानित करने की उठी मांग………

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रिपोर्ट :- वसीम अकरम……

राँची: झारखंड के आगामी वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में अल्पसंख्यकों के बजट में बढ़ोतरी के विषय पर आज रांची में विभिन्न मुस्लिम समाजिक संगठनों की बैठक करबला चौक स्थित इराकिया गर्ल्स स्कूल में संयुक्त मुस्लिम संगठन के बैनर तले हुआ।

बजट पर चर्चा करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के जानकार एस अली ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में कल्याण विभाग के कुल 186123.01 करोड़ के बजट में अल्पसंख्यकों के लिए मात्र 70 करोड़ 80 लाख बजट प्रवाधानित था, उसके अतिरिक्त मर्जिनल बजट 20 करोड़ और केन्द्र द्वारा 30 करोड़ दिये गये थे। वही अनुपूरक बजट में अल्पसंख्यकों के लिय एक भी राशि प्रवाधानित नही किया गया जो चिंताजनक है।

कृषि विभाग, ग्रामीण विकास, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग आदि विभागों में अल्पसंख्यकों के लिए बजट है भी या नही पता तक नही चलता।
जबकि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में पड़ोसी राज्य बिहार में अल्पसंख्यकों के लिए 562.63 करोड़, पश्चिम बंगाल में 464.17 करोड़, उत्तर प्रदेश में 3007.88 करोड़ बजट प्रवाधानित था।
झारखंड में 20% अल्पसंख्यकों की आबादी लेकिन उसके अनुरूप बजट नही दिया जाता, जिसके चलते अल्पसंख्यकों के शिक्षा, रोजगार, कृषि, ग्रामीण विकास और दूसरे जन कल्याण की योजनाएं नही चल पाती जिस कारण वो आर्थिक उन्नति में पीछे रह जाते है।

बैठक के अध्यक्षता कर रहे हाजी हलीमुद्दीन ने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका रही लेकिन 21 वर्ष बाद भी उनकी शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में सुधार का प्रयास सरकार के सतह से नही हुआ।

सेंट्रल मुहर्रम कमिटी महासचिव अकील-उर- रहमान ने कहा कि महागठबंधन सरकार आगामी बजट में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बजट प्रवाधानित करे।
चर्चा को संचालन कर रहे नेहाल अहमद, अबदुल मन्नान, मुफ्त अब्दुल्ला अजहर कासमी, नफीसुल आबदीन, हाजी मासूक, अबदुल खालीक न्नहू, हसन सैफी, रमजान अंसारी, इकबाल अंसारी,अहमद कशीश, मुसतक़ीम आलम, मुफ्ती उजैर, अबदुल वहीद, आदिल रसीद, मो नसीम, एजाज आलम, मो मीर, नफीस अख़्तर, सरफुल खान आदि ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री, वित्त मंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से मांग किया गया, जिसमें :-

(1) प्रत्येक जिला में सरकारी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोलने की योजना।

(2) अल्पसंख्यक विधालयों के जीर्णोद्धार हेतू योजना।

(3) मान्यता प्राप्त मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधारभूत संरचना हेतू माॅडल मदरसा योजना।

(4) यूपीएससी, जेपीएससी व अन्य प्रतियोगिता परीक्षा हेतु कोचिंग योजना।

(5) अल्पसंख्यक छात्र, युवा एवं युवतियों के कौशल विकास हेतु ट्रेनिंग योजना।

(6) राजधानी में अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए 200 बेड की महिला छात्रावास योजना।

(7) अल्पसंख्यक किसानों के उत्थान हेतु कृषि उपकरण, खाद्य-बीच, ट्रेक्टर, पशु वितरण योजना।

(8) ग्रामीण क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों की भूमि पर सिंचाई हेतु डीप बोरिंग, कुआं, तालाब निर्माण योजना।

(9) अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सड़क नाली पुल निर्माण योजना।

(10) अल्पसंख्यक क्षेत्र में समुदाय स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक वाचनालय, पुस्तकालय योजना।

(11) अल्पसंख्यक कब्रिस्तान चारदिवारी के साथ शेड निर्माण, पेयजल और सौर्य लाईट योजन।

(12) बुनकरों के लिए सोबरन साड़ी लुंगी जैसे योजनाओं के लिए बजट में प्रवाधानित किया जाए।

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