नेतरहाट थानेदार, थाना के वाहन से कर रहे थें लकड़ी का अवैध कारोबार…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः बिते 30 मई की रात 9:30 बजे अपराह्न में गुमला जिला पसेरीपाट के ग्रामीणों ने नेतरहाट थाना के 407 वाहन, जिसका नंबर जेएच01वाई-7598 है, जिस पर लकड़ी लद्दा हुआ था उसे रास्ते में ही रोक दिया और फिर वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई।

लॉक डाउन में काले सीशम की लकड़ी का थाना के वाहन से हो रहा था अवैध कारोबारः

ग्रामीणों के अनुसार पुलिस के वाहन से अवैध लकड़ी का कारोबार लंबे समय से जारी है, लेकिन लॉक डाउन लागू होने के बाद से रात के अंधेरे में ये कारोबार काफी बढ़ गया था। नेतरहाट थानेदार, मुकेश चौधरी लगातर रात में ही थाना का 407 वाहन लेकर पसेरीगाट के जंगलों में जाया करते थें और जिसकी जानकारी गांव वालों को थी और गांव वालों ने जंगलों की कटाई रोकने के लिए अभियान शुरु कर दिया। सबसे पहले ग्रामीणों ने जंगल में काले शीशम के पेड़ को काट कर पटरा तैयार कर रहे लोगों को खदेड़ा और उस क्षेत्र के रेंजर को बुला कर लगभग 50 पीस बरामद पटरा रेंजर के हवाले कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने लकड़ी के अवैध कारोबार से जुड़े नेतरहाट थाना प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोला। ग्रामीण जानते थें कि थानेदार रात के 9 बजे 407 वाहन लेकर पसेरीपाट जंगल जाते थें और लगभग 9:30 बजे लौट जाते थें। 30 मई की रात जैसे ही थानेदार, मुकेश चौधरी थाने का 407 वाहन लेकर जंगल की ओर गए ग्रामीणों ने गोलबंद हो कर उनके वापस आने का इंतेजार करने लगें, ताकि उन्हें रंगेहांथ पकड़ा जा सके। लेकिन 30 मई को थानेदार पहले ही जंगल से अपने वाहन से निकल कर थाना जा चुके थें। और थोड़ी देर बाद 407 वाहन उक्त स्थान पर पहुंची तभी ग्रामीणों ने उसे रोक लिया, जिसमें काले शीशम की लकड़ी का पटरा लोड था।

थानेदार के साथ हुई ग्रामीणों की नोंकझोंकः

407 वाहन को रोके जाने के बाद चालक ने फोन कर मामले की सूचना थानेदार को दी जिसके बाद थानेदार घटना स्थल पर पहुंचें और ग्रामीणों को ये कह कर धमकाने लगें कि पुलिस के वाहन को कैसे रोक लिया, तुम लोगों पर केस करेंगे। लेकिन ग्रामीण भी यहां अड़े रहें और मामले की सूचना वन विभाग को दे दी गई। मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने छानबीन शुरु कर दी है।

थानेदार के साथ हुए नोंकझोंक का वीडियो ग्रामसभा से किया गया जारीः

पुलिस के 407 वाहन से लकड़ी बरामद होने के बाद थानेदार ने ग्रामीणों को झुठे मुकदमें में फंसा देने का धमकी दिया, जिसका वीडियो ग्रामीणों ने शूट कर लिया है। घटना के बाद गांव में ग्रामसभा की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए पलामू/लोहरदगा/गारु प्रमंडल के वन अधिकारी और राज्य पुलिस के मुखिया, डी.जी.पी एम.वी. राव समेत मुख्यमंत्री को भी पत्र भेज कर दोशी थानेदार पर जांचोपरांत कार्रवाई करने की मांग की गई है।

ग्रामीणों का पत्रः

पसेरीपाट ग्रामसभा द्वारा वन प्रमंडल गारु, डीजीपी और मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र.

ग्रामीणों ने अपने पत्र में लिखा है कि, थाना प्रभारी के द्वारा बार-बार लकड़ी, थाना के वाहन से थाना में लाया जाता रहा है। गांव वालों को आशंका होने पर वाहन को रोका गया था। हम सभी झारखंड के आदिवासी जनजाति से संबंधित है तथा हमारी पहचान जंगलों से ही होती है। ऐसे पुलिस पदाधिकारियों की वजह से जंगलों की कटाई हो रही है। इसलिए इस मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। यह पत्र ग्राम प्रधान द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखा गया है, जिसमें 50 से अधिक ग्रामीणों का हस्ताक्षर भी संलग्न है।

1 Comment
  1. Anand minz says

    जल्द से जल्द करवाई कि जानी चाहिए क्योंकि ग्रामीण को डराया जा रहा है।

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