पश्चिम सिंहभूम में पेंशन से वंचित सैंकड़ों विधवा व बुज़ुर्ग, विभागीय मंत्री जोबा मांझी के आवास पहुंच कर लगाई गुहार…

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रिपोर्ट- ताजा खबर झारखंड ब्यूरो

*65 वर्षीय रसकेल गागराई (धरमसाई गाँव, चक्रधरपुर) का आधार के अनुसार उम्र 42 वर्ष है। आधार के अनुशार जब वे 60 वर्ष की होंगी, तब तक उनकी वास्तविक उम्र 82 वर्ष होगी।

*वृद्धा सीता कुई (माहुलसाई गाँव, जयपुर पंचायत, हाटगम्हरिया) का आधार के अनुसार उम्र 49 वर्ष है। कई बार आधार में उम्र सही करवाने की कोशिश की गई, लेकिन वे नाकाम रहो।

*बुज़ुर्ग विक्रम केराई (ईचाकुटी गाँव, बाईपि पंचायत, चक्रधरपुर) पेंशन से वंचित हैं। क्योंकि आधार के अनुसार वे केवल 47 वर्ष के हैं। जबकि उनकी वास्तविक उम्र काफी अधीक है।

*वृद्धा चिपरी कुई (गाँव छोटा लागिया, पंचायत दोपाई, खुंटपानी) का आधार के अनुसार उम्र 26 वर्ष (जन्म साल 1995) है, जबकि इनके बेटे का उम्र आधार के अनुशार 45 वर्ष है। आधार में उम्र गलत होने के कारन चिपरी कुई पेंशन से वंचित हैं।

*वृद्ध धनश्याम गुन्दुवा (गोलासाई गांव, असंतालिया पंचायत, सोनुआ) का वास्तविक उम्र 65 साल है, जबकि आधार  के अनुशार उम्र 25 साल है, जिसके कारन इन्हें भी पेंशन नही मिल रहा है।  

*63 वर्षीय सुकुरमनी गोप (गोलमुन्डा, पंचायत गोलमुन्डा, सोनुआ) का आधार के अनुसार उम्र 44 वर्ष हैं। आधार में सुधार करवाने के लिए वे कई बार प्रखंड कार्यालय गई, लेकिन आज तक सुधार नहीं हुआ।

*70-75 वर्षीय अत्यंत वंचित जानो कुई (सारडिया गाँव, हाटगम्हरिया) का आधार के अनुसार उम्र 60 साल नहीं हुआ है, इसलिए ये भी पेंशन से वंचित हैं।

*65 वर्षीय रसकेल गागराई (धरमसाई गाँव, चक्रधरपुर) का आधार अनुसार उम्र 42 वर्ष है। जब तक वे आधार के अनुसार 60 वर्ष की होंगी, तब तक उनकी वास्तविक उम्र 82 होगी। यहां भी मजाक बना कर रखा गया।

नोटः कई उच्च न्यायालयों ने स्पष्ट कहा है कि आधार कार्ड उम्र का प्रमाण नहीं है। फिर भी इसे प्रमाण मान कर ज़िला के सैंकड़ों बुजुर्गो को, पेंशन से वंचित रखा गया है।

रांचीः शुक्रवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के अनेक विधवा व बुज़ुर्ग, जो विभिन्न कारणों से सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित हैं, अपनी मांगों को लेकर सामाजिक सुरक्षा मंत्री जोबा माझी के चक्रधरपुर स्थित आवास पहुंचे। वंचित लोगों के साथ खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम के प्रतिनिधि भी शामिल थें।

मंत्री, जोबा मांझी के आवास की ओर जाते बुजूर्ग और विधवा महिलाएं.

एक तरफ राज्य सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना की स्वागत योग्य घोषणा की है, तो दूसरी ओर सालों से अनगिनत विधवा व बुजर्ग अब भी पेंशन से वंचित हैं। अगर यूनिवर्सल पेंशन योजना को धरातल पर सफलता पूर्वक लागू करना है, तो सबसे पहले आज तक वंचित होने के कारणों का निराकरण करना होगा। अनेक पीड़ितों ने पेंशन न मिलने की दास्ताँ मंत्री को सुनाई। मंत्री को लोगों ने संलग्न मांग पत्र व पेंशन से वंचित सैंकड़ों विधवाओं व बुजुर्गों की सूचि भी सौंपी।

मौके पर मंत्री जोबा मांझी ने आश्वासन किया कि सरकार यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत सबको पेंशन देगी एवं उचित बजट आवंटित करेगी। अन्य मांगो पर मंत्री ने कहा कि प्रशासनिक निर्देश जारी किया जाएगा एवं समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द किया जाएगा।

खाद्य सुरक्षा मंच ज़िला के इन मुद्दों को लगातार उठाता रहा है। पेंशन योजनाओं में जटिलताओं को कम करने की मांग पहले भी कई बार प्रशासन व संबंधित विभाग के मंत्री से की गयी है।

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