रातु अंचल कार्यालय से 2020 में किसानों को हुए फसल छत्तिपुर्ती का सैंकड़ों आवेदन गायब, पाली पंचायत में इस वर्ष हुए फसल नुकसान का सर्वे अब तक शुरु नहीं किया गया…

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रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः खेतों में सड़ रहे कद्दु, बंधा गोभी, शिमला मिर्च, टमाटर और अदरख की फसल को देख कर आप उस किसान की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं, जिसने काफी मेहनत और उम्मीद के साथ फसल उगाने के लिए लाखों रुपये खर्च किया था। लेकिन “लॉकडाउन” और “यास तुफान” के कारन इनकी उम्मीदों पर पानी फीर गया। लगभग 2 एकड़ खेत में इन्होंने कद्दू की खेती, 1 एकड़ में बंधा गोभी, 1 एकड़ में फूल गोभी, और लगभग 3 एकड़ में शिमला मिर्च, मिर्च और अदरख की खेती की थी। लेकिन लॉकडाऩ के कारन खेतों में तैयार सब्जियों को मार्केट तक ले जाने के लिए इन्हें वाहन नही मिला और साईकिल से जो थोड़ी बहुत फसल लेकर बाजार जाते थें, उसका सही रेट नही मिलता था, और फसल खेत में ही पड़ी रही। इसी दौरान “यास तुफान” ने भी अपना प्रकोप दिखाया। खेतों में अधिक जल जमाव के कारन सभी तैयार फसल खेत में ही सड़ गएं।

हम बात कर रहे हैं रातु प्रखंड, पाली पंचायत के किसान नारायण महतो की, जो पाली गांव का सबसे बड़ा किसान है। किसान नारायण महतो की मानें तो प्रकृति ने इस बार किसानों को कहीं का नही छोड़ा। मेरे पाली पंचायत के सिर्फ पाली गांव में लगभग 250 परिवार लगभग 500 एकड़ में खेती करते हैं। इस लोकडाउन और तुफान के कारन सभी किसानों को भारी नुकशान उठाना पड़ा है। सिर्फ मैंने खेती में लगभग 5 लाख का पूंजी लगाया था, जिसमें 1 लाख केसीसी लॉन और 2 लाख बैंक से लोन लिया और बाकी 2 लाख घर से पूंजी लगाया था। नारायण महतो के अलावा पाली गांव के अन्य किसानों ने भी हुए फसल नुकशान की जानकारी दी।

2020 का मुआवजा अब तक नहीं मिला और 2021 का सर्वे भी शुरु नहीं किया गयाः किसान

नारायण महतो ये भी बताते हैं कि, 2020 के लॉकडाउन में भी पाली पंचायत के किसानों को करोड़ों का फसल नुकशान हुआ था, जिसका मुआवजा हम लोगों को अब तक नही मिला है और इस बार हुए नुकशान का अब तक सर्वे भी नही किया गया है।

किसान, नारायण महतो के खेत में अब भी सड़ रही है पत्ता गोभी की फसल.

2020 में 192 किसानों का आवेदन अंचल में जमा किया गया था, जो गायब हो गयाः कृषक मित्र

इस पूरे मामले पर “ताजा खबर झारखंड” की टीम ने सबसे पहले पंचायत के कृषक मित्र बंधन महतो से बात की। इनकी मानें तो 2020 में मैंने सर्वे कर 192 किसानों का आवेदन लिया था, जिसे अंचल  कार्यालय में जमा कर दिया था,जिसका रिसिविंग कॉपी भी मेरे पास है। किसानों को मुआवजा मिलने पर विलंब होने पर जब मैंने जानकारी लिया, तो पता चला कि अंचल कार्यालय से आवेदक किसानों का लिस्ट ही गायब है। इसलिए 2021 में हुए फसल नुकशान का मैने अब तक सर्वे नही किया है। जानकारी देते चलें कि, कृषक मित्र बंधन महतो इस पंचायत के वार्ड सदस्य और लेम्पस के सचिव भी हैं। यानी एक साथ तीन-तीन पद पर कार्य कर रहे हैं, जो नियमतः गलत है।

कृषक मित्र स्वास्थ्य दीमाग से काम नही कर रहे हैः अंचलाधिकारी, रातु प्रखंड

वहीं रातु प्रखंड के अंचलाधिकारी से इस पुरे मामले पर बात की गई। इन्होंने बताया कि जिस दौरान फसल छत्तिपूर्ति के लिए किसानों का आवेदन जमा किया गया था, उस दौरान रातु अंचलाधिकारी कोई और थें। आवेदन गायब होने की जानकारी जब मुझे मिली तो मैंने कृषक मित्र से पुनः किसानों का लिस्ट जमा करने के लिए कहा है, लेकिन कृषक मित्र स्वास्थ्य दीमाग से काम नही कर रहे हैं, वे अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं।

अंचल के अधिकारी और मुखिया से कोई सहयोग नहीं मिलता हैः कृषक मित्र

वर्तमान में किसानों को हुए फसल नुकशान को लेकर अंचल के कर्मचारी और कृषक मित्र द्वारा अब तक सर्वे कार्य शुरु नहीं किया गया है। इस बाबत पुछे गए सवाल पर कृषक मित्र ने कहा कि, जब 2020 का ही मुआवजा किसानों को नहीं मिला है, तो हम किस मुंह से किसानों के पास दुबारा सर्वे के लिए जाएं। कृषक मित्र ने कहा कि मुझे अंचल के अधिकारी और मुखिया से कोई सहयोग नहीं मिलता है।

पाली पंचायत की मुखिया को मामले की जानकारी नहीः

अंचलाधिकारी और कृषक मित्र के आरोप-प्रत्यारोप को लेकर हमारी टीम ने अंचल की मुखिया निर्मला देवी से भी बात की। उन्होंने पुरे मामले पर अनभिज्ञता जाहीर करते हुए कहा कि, आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिल रही है कि, किसानों को मुआवजा 2020 का नही मिला है और 2021 का अब तक सर्वे भी नहीं किया गया है। मैं इस मामले में अंचलाधिकारी से बात करुंगी।

कूल मिला कर किसानों को हुए फसल नुकसान का मुआवजा किसानों को मिले, इसे लेकर संबंधित अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि गंभीर नही हैं, जिसका खामियाजा किसान भुगत रहे हैं।

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