राज्य में जातीय, भाषाई उन्माद फैलाकर मूल मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है हेमंत सरकार: रवींद्र राय

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची : भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र राय ने कल खुद पर हुए हमले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, आज राज्य में विशेष परिस्थिति पैदा कर जनता को दिग्भ्रमित करने का काम किया जा रहा है। अलग राज्य बनने के बाद भी अविश्वास की राजनीति करने का प्रयास किया जा रहा है। कल की घटना सामाजिक ताना-बाना तोड़ने का प्रयास है।  कल का दृश्य मॉब लिंचिंग वाला दृश्य था। कल 10,000 से अधिक लोग सड़क पर थें, जिसमें महिलाएं भी थी।  कोई संगठित शक्ति इनके पीछे काम कर रही है,  उन लोगों को पुलिस पूरी तरह से फ्री छोड़ दिया था। सूत्रों से मुझे जानकारी मिली है कि, दो मुँही नीति अपनाकर यह सरकार असामाजिक तत्वों को उकसा कर आंदोलन करवा रही है और पुलिस को मूक दर्शक बना दिया गया है।

सामाजिक उन्माद फैलाकर लोगों का ध्यान मूल समस्या से भटकाना चाह रही है सरकारः रविन्द्र राय

रविन्द्र राय ने आगे कहा कि राज्यम में जातीय, भाषाई, भीतरी-बाहरी का उन्माद पैदा किया जा रहा है। झारखंड एक बार फिर से अलग राज्य बनने के बाद जो हालात हुए थें, उस तरह की स्थिति में जा रही है। सामाजिक उन्माद फैलाकर लोगों का ध्यान मूल समस्या से भटकाना चाह रही है सरकार।  झारखंड के चार शहर धनबाद, बोकारो, रांची और टाटा राजनीतिक विद्रोह के मुहाने पर हैं। इस विद्रोह के पीछे सरकार का हांथ है। एक तरफ सरकार मोब लिंचिंग कानून बना रही है, तो दूसरी तरफ मॉब लिंचिंग के हालात पैदा कर रही है। जेएमएम और कांग्रेस की सरकार में अधिकारी लाचार और अपराधी बेकसूर हैं। लोग बहाना खोज रहे हैं अराजकता पैदा करने की।  भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है।

हेमंत सरकार द्वारा गृह युद्ध की स्थिति पैदा की जा रहा हैः आदित्य साहू, महामंत्री, प्रदेश झारखंड

वही प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि, सरकार के इशारे पर गृह युद्ध की स्थिति पैदा की जा रही है। लोग आंदोलित हैं, अगर राज्य में किसी प्रकार की घटना घटती है, तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

भोजपुरी और मगही झआरखंड का भाषा नहीं हो सकता हैः जगरनाथ महतो, शिक्षा मंत्री, झारखंड

वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री, जगन्नाथ महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मैं प्योर झारखंडी हूं। भोजपुरी और मगही किसी भी हाल में झारखंड का भाषा नहीं हो सकता है। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, झारखंड में भोजपुरी और मगही भाषा नहीं चलेगी। झारखंड, झारखंडियों के लिए अलग किया गया था, लेकिन यहां बाहरी भाषाओं को तवज्जो दिया जा रहा है, जो झारखंड में कतई बर्दाश्त नहीं किया जयेगा।

गौरतलब है कि झारखंड के कई जिलों में भाषा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। मामले को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच शब्दों का बान लगातार चल रहा है। जगन्नाथ महतो ने कहा कि जिस तरह बिहार में बिहारी भाषा को प्राथमिकता दी जाती है, इसी तरह झारखंड में झारखंडी भाषा को ही मान्यता दिया जाएगा।

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