झारखण्ड की बेटियां राज्य का गौरव, उनके सपनों को पंख देना हमारी जिम्मेवारी: हेमन्त सोरेन, मूख्यमंत्री, झारखंड

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची: झारखंड की बेटियां झारखण्ड का गौरव हैं, इसका गुमान है हमें। हमारी बेटियों ने संक्रमण के दौर में जबरदस्त साहस और धैर्य दिखाया है। अब ये राज्य सरकार की जिम्मेवारी है कि उनके सपनों को साकार करने के लिए उन्हें जरूरी सुविधाएं तथा मार्गदर्शन दिया जाए। उक्त बाते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मोरहाबादी स्थित फूटबॉल स्टेडियम में अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप 2021 के लिए चयनित राज्य की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों से मुलाकात के दौरान कही।

झारखंड में खेल नीति तैयार की जा रही हैः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा झारखण्ड में होनहार खिलाड़ियों की कमी नहीं है। राज्य के खिलाड़ियों ने सीमित संसाधनों में देश व राज्य का नाम रौशन किया है। खेल को वर्तमान सरकार बढ़ावा देगी। खेल नीति भी तैयार की जा रही है, जिससे वर्तमान खिलाड़ी, आने-वाले खिलाड़ी और पूर्व खिलाड़ी लाभान्वित होंगे।

गुमला की बेटी का फूटबॉल खेलना मेरे लिए सुखद अनुभूतिः पूर्णिमा, फूटबॉल खिलाड़ी

मौके पर अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप के लिए चयनित फूटबॉल खिलाड़ी, पूर्णिमा ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, संक्रमण काल में हमारा विशेष ध्यान रखा जा रहा है, इससे पहले गोवा में संक्रमण की वजह से हमारा प्रशिक्षण प्रभावित हुआ था और खाने की भी समस्या उत्पन्न हुई थी, लेकिन यहां हमें अच्छे से प्रशिक्षण मिल रहा है। मैं गुमला से आती हूं और मेरे गांव ने खासकर लड़कियों का फुटबॉल खेलने का चलन नहीं था, बावजूद इसके मैंने खेला। तीन वर्ष फूटबॉल खेल रही हूं, ये मेरे लिए सुखद अनुभूति है।

बताते चलें कि अगले वर्ष फरवरी-मार्च महीने में प्रायोजित फीफा वर्ल्ड कप 2021 में राज्य की आठ खिलाड़ी शामिल थीं। ये सभी गोवा में प्रशिक्षण प्राप्त कर झारखण्ड वापस लौट चुकी हैं। ये सभी 8 खिलाड़ी अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप खिलाड़ियों की संभावित 26 सदस्य टीम का हिस्सा हैं।

यूनिसेफ के साथ जुड़ी हैं सभी 8 फूटबॉल खिलाड़ीः

मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों को सहयोग प्रदान करने के लिए खेल विभाग की ओर से फुटबॉल किट एवं यूनिसेफ की ओर से टी-शर्ट्स प्रदान किया। यूनिसेफ ने चैंपियन आफ चेंज फॉर चाइल्ड राइट्स के रूप में चयनित खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है। यूनिसेफ इन्हें बाल अधिकारों, किशोर-किशोरियों के मुद्दों, समुचित पोषण की आवश्यकता, माहवारी, स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोसामाजिक परामर्श आदि मुद्दों पर सरकार को दिए जाने वाले तकनीकी सहयोग के रूप में प्रशिक्षित करेगा।

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