मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, इससे बड़ी शर्म की बात और क्या होगी?  आखिर आप इतने लाचार क्यों? कहीं आपके लोग ही तो नही कर रहें ये गोरख धंधा?

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

रांचीः कांग्रेस विधायक, इरफान अंसारी ने झारखंड में पदास्थापित कुछ भ्रष्ट और नकारा आईपीएस और आईएएस अधिकारियों की करतुत दिखाते हुए एक वीडियों वायरल किया है। वीडियों के माध्यम से विधायक इरफान अंसारी ने ये जानकारी देने का काम किया है, कि फिलहाल राज्यभर में बालू का उठाव बंद है और एनजीटी जैसे संवैधानिक संस्था ने भी पुरे बरसात तक नदियों से बालू उठाव पर रोक लगा रखा है, बावजुद इसके जामताड़ा और धनबाद के बोर्डर पर स्थित बराकर नदी से बड़े पैमाने पर बालू का उठाव हो रहा है। बालू का उठाव कर सिर्फ आसपास के जिलों में ही नही, बल्कि दूसरे राज्य बंगाल में भी भेजा जा रहा है। बालू उठाव का कार्य सैंकड़ों ट्रैक्टर और नाव से किया जा रहा है, जो विधायक द्वारा जारी वीडियो में स्पष्ट रुप से दिखाई पड़ रहा है।

विधायक इरफान अंसारी बताते हैं कि बालू उठाव का ये कार्य दिन दहाड़े किया जा रहा है। अवैध रुप से जारी बालू उठाव को रोकने के लिए ना ही जिला प्रशासन कोई कार्रवाई कर रही है ना ही पुलिस प्रशासन, जिले के ये दोनों की अधिकारी राज्य सरकार के आदेश और संवैधानिक संस्था, एनजीटी के आदेश को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। बालू कारोबारी प्रतिदिन लाखों-लाख रुपया अधिकारियों तक पहुंचा रहे हैं, इसलिए अवैध बालू उठाव पर रोक नही लगाया जा रहा है।

विधायक, इरफान अंसारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा, कि आखिर हम कर क्या रहे हैं? सरकार हमारी है और हम झारखंड के जल-जंगल और जमीन की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। इरफान अंसारी ने लाचारी जाहिर करते हुए कहा, कि मुझे शर्म आ रही है, लेकिन मैं लाचार हूं। मैं मांग करता हूं मुख्यमंत्री से कि अवैध बालू उठाव पर रोक लगाए और भ्रष्ट अधिकारियों को झारखंड से बाहर का रास्ता दिखाए।

बड़ा सवाल?

राज्य सरकार और एनजीटी से रोक के बावजूद बालू का उठाव बड़े पैमाने पर हो रहा है। सरकार के निर्देश का अधिकारी पालन नही कर रहे हैं आखिर क्यों? क्या इनके उपर सत्ताधारी पार्टी के ही किसी भ्रष्ट नेता का दबाव है या फिर विलासीतापूर्ण जीवन यापन के लिए ये अधिकारी स्वयं मोटी रकम लेकर स्वयं इस भ्रष्टाचार को होने दे रहे हैं? ये जांच का विषय है।

विधायक इरफान अंसारी पर सवालः

विधायक जी ये मामला काफी गंभीर है। क्योंकि सीएनटी एक्ट में बदलाव की कोशिश, मोदी के चहेते पूंजीपतियों को झारखंड में कौड़ी के भाव जमीन आवंटन कराना(अडानी, गोड्डा जिला) और पांचवी अनुसूचि, पेशा कानू के प्रावधानों को दरकिनार कर लैंड बैंक बनाने के कारन ही झारखंड की जनता ने रघुवर सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस को झारखंड की जनता ने यहां के संसाधनों की रक्षा और संविधान प्रदत पांचवी अनुसूची और पेशा कानून को कड़ाई से लागू करवाने के लिए झारखंड की सत्ता सौंपने का काम किया था, लेकिन सत्ता में काबिज होने के बाद यूपीए सरकार भी वही काम कर रही है, जो रघुवर सरकार ने किया था। फिर क्यों ना आपको भी उखाड़ फेंका जाए।

झामुमों के कार्यकारी अध्यक्ष, हेमंत सोरेन से सवालः

वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री सह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन जी, झारखंड की जनता आपसे जानना चाहती है कि, क्यों जब-जब झामुमो झारखंड की सत्ता में काबिज रही है, तब-तब झारखंड में माईन्स मिनरल की लूट बढ़ जाती है? लूट को रोकने वाले अधिकारी मौन धारन कर लेते हैं?

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