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धनबाद नगर निगम की कार्यशैली से नाराज जनता का फुटा गुस्सा, मासस ने कार्यालय के समक्ष किया विरोध प्रदर्शन.

 

रिपोर्ट- अशोक कुमार, धनबाद…

धनबाद : सिंदरी के पूर्व विधायक आनंद महतो के नेतृत्व में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में मासस के कार्यकर्ता और आम जनता ने धनबाद नगर निगम की कार्यशैली से क्षुब्ध होकर आक्रोश रैली निकाल कर पैदल मार्च करते हुए धनबाद निगम कार्यालय पहुंच और विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध-प्रदर्शन के दौरान सिंदरी के पूर्व विधायक व मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनन्द माहतो, मासस के बबलू महतो समेत दर्जनों की संख्या में मासस नेता मौजुद रहें।

विरोध-प्रदर्शन के दौरान मासस नेताओं ने नगर निगम की मनमानी और बीसीसीएल की जमीन पर डंपिंग यार्ड बनाए जाने की योजना में संसोधन करने और युवाओं के रोजगार समेत शहर की सफाई के अलावा अन्य मांगों पर भी सवाल खड़े किए।

पैदल मार्च कर धनबाद नगर निगम का घेराव करने जाते मासस कार्यकर्ता और आम जनता.

निगम अपनी कार्यशैली में करे सुधार अन्यथा, उग्र आंदोलन किया जाएगाः बबलू महतो, मासस नेता

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मासस नेता बबलू महतो ने निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए वर्तमान नगर आयुक्त पर मनमाने ढंग से कार्य करने और नगर निगम को बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल क्षेत्रो में लोग प्रदूषण के अलावा और कई समस्याओं से परेशान हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों का भी हाल बुरा  है। पूरा शहर सफाई के अभाव में बजबजा रही है। कहीं भी साफ सफाई सही ढंग से नहीं हो पा रहा। सबसे आश्चर्य बात यह है कि निगम के पास अभी तक खुद का डंपिंग यार्ड नहीं है। भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में कचरा जहां-तहां पड़ा हुआ है, जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे  हैं। अगर अब भी नगर निगम सुधार नहीं करती है तो आने वाले दिनों में मासस उग्र आंदोलन करने को बाध्य हो जायेगी।

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राजनीति मुद्दा

राष्ट्रीय तेली-साहू महासंगठन का किया गया विस्तार, 2024 की तैयारी शुरु…

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांची(कांके प्रखंड): दानवीर भामाशाह नगर होचर पंचायत सचिवालय सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन रांची जिला कमिटि की बैठक संपन्न की गई। बैठक की अध्यक्षता कुंज बिहारी साहू एवं संचालन संगठन महामंत्री रामविलास साहू ने किया।

बैठक में संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, हरिनाथ साहू ने संगठन का विस्तार करते हुए बैठक में शामिल सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों एवं समाज के अगुवा प्रतिनिधियों के बीच संगठन के उद्देश्यों और सामाजिक न्याय व राजनीतिक भागीदारी के विषय पर विस्तार से चर्चा की।

राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठऩ के विस्तार के दौरान, संगठन के उद्देश्यों को रखते वक्तागण.

हरिनाथ साहू ने सर्व सहम्मति से संगठन की पहली सूची जारी करते हुए विभिन्न पदों के लिए शपथ पूर्वक पदाधिकारीयों का मनोनयन किया।

कार्यकारी जिला अध्यक्ष पद के लिए अजीत साहू, कपिल साहू, संगठन महामंत्री के लिए रामविलास साहू, महामंत्री हीरा लाल साहू, उपाध्यक्ष के लिए दीपक साहू, धनकू साहू, मंत्री बाबूलाल साहू, आर्यन कुमार सागर, शंकर प्रसाद साहू, कोषाध्यक्ष डॉ. दानेश्वर साहू, मीडिया प्रभारी गणेश साहू, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के लिए संजय साहू, बेनी साहू, मुरारी साहू, जिला परिषद सदस्य किरण देवी। रांची जिला कार्यसमिति सदस्य पंकज साहू, शत्रुघ्न साहू, बलदेव साहू, रविंद्र साहू, उमेश साहू, दिनेश कुमार साहू का मनोनयन किया गया।

बैठक में मुख्य रूप से दिलीप कुमार साहू, प्रेमनाथ साहू, सत्येंद्र प्रसाद, धोलेश्वर शाह, निशांत कुमार, चंद्रिका साव, भोला कुमार साहू, दिनेश साहू, बेनी साहू, सोनू कुमार साहू, विष्णु साहू, राज किशोर साहू, विनोद कुमार के अलावे दर्जनों समाजिक अगुवा प्रतिनिधिगण शामिल हुएं।

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अपराध राजनीति

वैश्य समुदाय के लोगों की लगातार हो रही हत्या से आक्रोशित, राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन ने किया सीएम का पुतला दहन..

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

राँची: तेली समाज के लोगों की लगातार हो रहे हत्या से आक्रोशित तेली समाज के लोगों ने राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन के बैनर तले रविवार को राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सरकार का पुतला दहन किया।

मौके पर संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हरिनाथ साहू ने कहा कि, 11 अगस्त को अज्ञात अपराधियों द्वारा राजधानी राँची के बीचों-बीच जूस विक्रेता मुकेश कुमार साहू और रोहन कुमार साहू की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 12 अगस्त को कोयला व्यवसाय राजेंद्र प्रसाद साहू के ऊपर जानलेवा हमला हुआ, इससे पूर्व माही रेस्टोरेंट के मालिक की हत्या हुवी।  2022 में भी तेली समाज के आठ लोगों की निर्ममतापूर्ण हत्या कर दी गई थी। इससे स्पष्ट हो जाता है कि, हेमंत सरकार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है और तेली समाज के प्रति सरकार पूरी तरह उदासीन है।

पुतला दहन कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन, राज्य के मुखिया हेमंत सरकार से मांग करती है कि, हत्यारों और हमलावरों की गिरफ्तारी अभिलंब की जाए, अन्यथा आने वाले समय में उग्र आंदोलन करने के लिए संगठन बाध्य होगा।

पुतला दहन कार्यक्रम में मुख्य रूप से रांची जिला अध्यक्ष, कुंज बिहारी साहू, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हरिनाथ साहू, रामविलास साहू, बलदेव साहू, अजीत साहू, संजय साहू, शत्रुघ्न साहू, पंकज साहू, रूपेश साहू, कपिल साहू, छत्रधारी साहू, सुखदेव कुमार सहित राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन के दर्जनों कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी शामिल रहें।

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नफरत व हिंसा के खिलाफ़ एक राष्ट्रीय व्यापी अभियान “मेरे घर आके देखो”…

ब्यूरो रिपोर्ट….

रांचीः 09 अगस्त 2023 को यूनाईटेड मिल्ली फोरम, झारखंड की एक ऑनलाइन मीटिंग की गई जिसमें “देश में तेजी से फैल रहे घृणा, नफरत व हिंसा के खिलाफ़ एक राष्ट्रीय व्यापी अभियान “मेरे घर आके देखो” को लेकर परिचर्चा किया गया। इस ऑनलाइन मीटिंग में यूनाईटेड मिल्ली फोरम के अध्यक्ष मो जुबैर अंसारी (पलामू), जेनरल सेक्रेटरी अफजल अनीस (बोकारो), जोईंट सेक्रेटरी मिनहाज अख्तर (रांची), मो साबिर (चतरा), मुजफ्फर हुसैन (पाकुर), एमामूल हक (रांची), रजाउल्लाह साहब (धनबाद), रौशन जमीर (रामगढ़), मो सिराजुद्दीन (जामताड़ा), मो दुलारे (लातेहार), मो निजात (रांची), मो नौशाद अख्तर (बोकारो), अबु सुफ़ियन (गोड्डा), मौजूद थें।

फोरम के जेनरल सेक्रेटरी अफजल अनीस ने सभी साथियों का अभिवादन करते हुए कहा कि, वर्तमान समय में देश में फैल रहे घृणा, नफरत, हिंसा के खिलाफ देश भर के सहमाना संगठन, व्यक्ति, समूह, लेखक, वकील, पत्रकार, सभी एक जुट होकर एक अभियान चला रहे हैं, जिसका नाम उन लोगों ने “मेरे घर आके तो देखो” रखा है। यह अभियान देश के आजादी के दिन 15 अगस्त से शुरू होगा और 02 अक्टूबर 2023 तक चलेगा। झारखंड में आपसी सौहार्द व बंधुत्व वातावरण को बनाए रखने के लिए सिविल सोसाइटी और लगभग सभी जन संगठन इस अभियान से जुड़ रहे हैं। अनीस ने कहा कि झारखंड में इन दिनों समुदायों के बीच घृणा व हिंसा बढ़ी है। ऐसी स्थिति में हम सभी को आदिवासी, गैर आदिवासी, शोषित व वंचित परिवारों को चिन्हित कर इनसे संवाद स्थापित करने की जरुरत है।

फोरम के अध्यक्ष मो जुबैर अंसारी ने कहा कि देश में नफरत, घृणा व हिंसा का माहौल बना हुआ है। झारखंड भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे वक्त में यह अभियान नफरत को दूर करने आपसी प्रेम अपनापन को साझा करने में बहुत मददगार साबित होगा। यूनाईटेड मिल्ली फोरम के सभी साथियों को इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।

मिनहाज भाई ने कहा कि फासीवाद के कारण खुल कर नफरत फैलाया जा रहा है, यह चिंता का विषय है। इस अभियान को हम सभी को मिलकर करने की आवश्यकता है, ताकि अधीक से अधीक समुदायों के बीच जा कर आपसी भाईचारा कायम किया जा सके।

वहीं एमामूल भाई ने कहा कि मुसलमानों को लेकर अनेक तरह की गलत भ्रांतियां नफरत, घृणा फैलाई जा रही है। हिंसक घटनाएँ भी देखने को मिल रही है। नफरत को दूर करने के लिए यह अभियान बहुत ही कारगर साबित होगा। हम सभी हर दिन अपने-अपने इलाके में इस तरह की एक कार्यक्रम कर सकते हैं।

मो. साबिर ने कहा कि इस अभियान में हमवतन भाइयों को भी जोड़ा जाए वह जुड़ेंगे तो अभियान को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मुजफ्फर हुसैन ने सुझाव दिया कि हमें इस अभियान में नुक्कड़ कार्यक्रम भी करने क जरुरत है।

बड़े भाई रजाउल्लाह साहब ने सुझाव दिया कि अपने-अपने इलाकों में समान विचारधारा वाले साथियों से संपर्क कर इस अभियान को आगे बढ़ाया जा सकता है।

रौशन जमीर ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है, ऐसे समय में इस तरह के अभियान की जरूरत और बढ़ जाती है। मैं इसे अपने इलाके में बेहतर तरीके से करने का प्रयास करुंगा।

मो. सिराजुद्दीन ने कहा कि हमलोग पिछले साल मिलिये और जानिए अपने पड़ोसीयों को, कार्यक्रम किए थें, जो बहुत ही बेहतर रहा था। उसे फिर से दुहराने की जरूरत है। यह अभियान भी उसी तरह का प्रोग्राम है, जो नफरत को दूर कर आपसी भाईचारगी बढ़ाने में काफी कारगर साबित होगा।

मो निजात ने कहा कि कोई भी तंजीम जो बंधुत्व को बढ़ाने के लिये काम करे, उसे मदद कर आगे बढ़ाना चाहिए। यह अभियान भी बंधुत्व को बढ़ाने वाला है। इस लिए हम सभी को इस अभियान में शामिल होना चाहिए।

दुलारे भाई ने कहा कि लातेहार में हमलोग बामसेफ के साथ मिलकर कई मुद्दों पर काम करते हैं। इस अभियान में उनका सहयोग लेकर अभियान को आगे बढ़ाएँगे।

अंत में एमामूल भाई ने सभी साथियों का शुक्रिया अदा करते हुए मीटिंग को समाप्त किया।

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जन्मदिन पर जावेद अख्तर अंसारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ देकर दी बधाई…

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जन्मदिन पर कार्यकर्ताओं ने दी बधाई,  हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड विकास की ओर है अग्रसर: जावेद अख्तर अंसारी

रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 10 अगस्त को 48 वर्ष के हो गए है। उनके जन्मदिन पर कांके प्रखंड झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष, जावेद अख्तर अंसारी ने शुभकामनाएं और बधाई देते हुए कहा कि, झारखंड यशस्वी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिन प्रतिदिन विकास की ओर अग्रसर है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष, हेमंत सोरेन की अगुवाई में पार्टी काफी मजबूत हुई है। इनके इस जन्मदिन पर हम सभी झामुमो कार्यकर्ता इनके दीर्घायु की कामना करते हैं। नौजवानों के दिलों की धड़कन मुख्यमंत्र, हेमंत सोरेन गरीब लाचार जरूरतमंदों की आवाज बनकर लगातार कार्य कर रहे हैं और उनके नेतृत्व में झारखंड तरक्की की ओर अग्रसर है।

जावेद अख्तर अंसारी ने आगे कहा कि, झारखंड में पहली बार यहां के गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने का कार्य किया जा रहा है। सर्व जन पेंशन योजना चलाई जा रही है, जिसमें हर वर्ग के लोगों को पेंशन से लाभान्वित किया जा रहा है।

जन्मदिन के अवसर पर कांके प्रखंड अध्यक्ष, जावेद अख्तर अंसारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जन्मदिन के अवसर पर पुष्प गुच्छ देकर उन्हें जन्मदिन की मुबारकबाद दी। इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा कांके प्रखण्ड अध्यक्ष जावेद अख्तर अंसारी, जिला संगठन सचिव ज़ुल्फ़िकार खान, उपाध्यक्ष हनीफ अंसारी, अजीज अंसारी, बबलू राम, फारूक अंसारी, सबीबुल रहमान,  मो असलम, नसीम अंसारी, झाबूलाल महतो, रजनी चंद्र पाहन, बिनोद अल्ताफ राजा, सोनू मुंडा, अरुण तिर्की, उमेस महतो, रतन अनमोल सांचा, आफताब आलम, कृष्णा तिर्की,  ओरमांझी प्रखण्ड सचिव, नरेस यादव, अब्दुल कुद्दूस अंसारी, साजिद कौसर, आफताब बबलू,  बुढ़मू प्रखण्ड अध्यक्ष भूनेश्वर साहू, सुनीता देवी, आरती देवी, खलारी प्रखण्ड अध्यक्ष, अनिल पासवान, पप्पू कुमार और जीतलाल महतो समेत कई कार्यकार्ता मौजुद रहें।

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युवा कांग्रेस का 63वां स्थापना दिवस कांग्रेस भवन में मनाया गया…

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

राँची: भारतीय युवा कांग्रेस का 63वां स्थापना दिवस बुधवार को कांग्रेस भवन में मनाया गया। इस दौरान झारखंड प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अभिजीत राज द्वारा युवा कांग्रेस का झंडोत्तोलन किया गया।

झंडोतोलन के बाद मौके पर युवा कांग्रेस के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने त्याग, न्याय, शान्ति, धर्म, विज्ञान, समृद्धि और सत्य के रास्ते पर चलने, देश की बहु संस्कृति, भाषा, धार्मिक एवं क्षेत्रीय विविधताओं के ढांचे के सदभावना एवं सर्व-धर्म-संभाव के सिद्धांत को बनाये रखने की शपथ ली।

युवा कांग्रेस देश के लिए नासूर बनी विभिन्न सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने, भारतवर्ष को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए वचनबद्धता, पूर्ण रोजगार के स्वप्न को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखने, समाज के प्रत्येक वर्ग विशेषकर महिलाओं एवं शोषित वर्ग के विकास एवं उत्थान के लिए कार्यरत रहने, युवाओं से सम्बन्धित विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा अपने महान नेताओं के सपनों को साकार करते हुए राष्ट्र निर्माण का कार्य करते रहने का भी शपथ लिया गया।

स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत राज, प्रदेश उपाध्यक्ष उज्जवल प्रकाश तिवारी, प्रदेश महासचिव सह रांची जिला प्रभारी फहद खान, रांची जिला सह प्रभारी संजीव सिंह, प्रदेश महासचिव सत्यम सिंह, रांची जिला अध्यक्ष जमील अख्तर, रांची जिला महासचिव मोहम्मद इनायातुल्लाह , रांची विधानसभा अध्यक्ष गौरव सिंह, कांके विधानसभा अध्यक्ष मोहम्मद खालिद सैफुल्लाह, हटिया विधानसभा उपाध्यक्ष मोहम्मद जिया, हिंदपीढ़ी प्रखंड अध्यक्ष अब्दुल रहमान, लोअर बाजार प्रखंड अध्यक्ष मोहम्मद अनस, मोहम्मद कलीम, हिंदपीढ़ी उपाध्यक्ष मोहम्मद हसन, मोहम्मद मोहसीन, मोहम्मद हसनैन, फैजान, आरफिन, जैद समेत अन्य उपस्थित थें।

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मुद्दा अपराध राजनीति

विकास की आड़ में लाखों आदिवासी किये जा चुके है विस्थापित, अब मांग रहे हैं भीख… गोड्डा में न्याय यात्रा निकाल कर आदिवासियों ने लगाई मदद की गुहार…

गोड्डा से संजय वर्मा की रिपोर्ट….

गोड्डाः 9 अगस्त को पुरे विश्व में “विश्व आदिवासी दिवस” मनाया जा रहा है। आदिवासी समुदाय इसे लेकर उत्साहित है और इस दिवस विशेष के अवसर पर अपने हक् अधिकारों की बात भी कर रहे हैं। इस दिन आदिवासी समाज एक ओर ढ़ोल-नगाड़ों और मांदर की थाप पर झुम रहे है, तो दूसरी ओर इन्हें अपने अस्तित्व, आत्म सम्मान और संस्कृति की रक्षा कैसे की जाए? इस बात की चिंता भी सता रही है। आदिवासी समाज अपनी चिंता विभिन्न मंचों से अपने समुदाय और समुदाय के अगुवा लोगों के साथ साझा कर रहे हैं।

वर्तमान में विस्थापन का मुद्दा, विश्व भर के आदिवासियों के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है। 2011 में हुवे सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि देश में 40 करोड़ लोग आंतरिक विस्थापन का शिकार हुए हैं, जिसमें 90 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। आधुनिकता और विकास की भेंट सबसे ज्यादा आदिवासी समुदाय ही चढ़ रहे है। झारखंड के कोने-कोने से विस्थापन के विरोध में आवाज उठ रही है, लेकिन विरोध करने वाले लोगों की आवाज, लाठी डंडे और झुठा मुकदमा दर्ज कर दबा दिया जा रहा है।

अपनी जमीन बचाने के लिए तालझाड़ी गांव की सीमा पर ग्रामसभा द्वारा लगाया गया बोर्ड.

जबरन खनन विस्तार के क्रम में बोआरीजोर प्रखंड के तीन ग्रामसभा के आदिवासियों के साथ हो चुकी है झड़पः

ताजा मामला संथालपरगणा के बोआरीजोर प्रखंड की है। यहां ईसीएल (इस्टर्न कोल फिल्ड लिमिटेड) कंपनी गैर संवैधानिक तरीके से बोआरीजोर प्रखंड अंतर्गत तालझारी गांव की 125 एकड़ जमीन पर विस्तार करने की कोशिश में है, लेकिन तालझारी के रैयतों के अलावा पहाड़पुर और रेवेंडा गांव के ग्रामीणों के भारी विरोध के कारन ईसीएल अपने मंसुबे पर कामयाब नहीं हो पा रही है। जमीन सीमांकन के दौरान तालझाड़ी गांव में कई बार पुलिस और आदिवासियों के बीच झड़प हो चुकी है। अंतिम बार जनवरी 2023 में पुलिस ने बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए तालझाड़ी गांव के रैयतों की पीटाई की थी और गांव के कई लोगों पर झुठा मुकदमा दर्ज किया था। गांव के ग्राम प्रधान अब भी जेल मे हैं। ईसीएल के विस्तारीकरण का विरोध अब भी जारी है।

न्याय यात्रा निकाल कर, जिले के उपायुक्त समेत बीडीओ, सीओ और जनप्रतिनिधियो से लगाई गई मदद की गुहारः

ईसीएल द्वारा बहुफसलिय जमीन का जबरन कब्जा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का क्रम अब भी जारी है। इसी कड़ी में विश्व आदिवासी दिवस से पूर्व तालझाड़ी, वेरेंडा और पहाड़पुर ग्रामसभा के ग्रामीणों ने सामाजिक सुरक्षा मंच गोड्डा के बैनर तले दो दिवसीय न्याय यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया। न्याय यात्रा के दौरान आम लोगों के साथ-साथ जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारी और पंचायत जन प्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई गई। इस न्याय यात्रा के दौरान गोड्डा जिला के उपायुक्त, एसडीओ, एसडीएम सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को न्याय के लिए मांग पत्र सौंपा गया।

जमीन के बगैर हम आदिवासी जल बीन मछली हैः

न्याय यात्रा से पूर्व वेरेंडा गांव में वीर योद्धा सह स्वतंत्रता सेनानी, सिद्धु-कान्हू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अन्याय के विरुद्ध लड़ने की शपथ ली गई। मौके पर रैयतों ने बताया कि हमलोगों की जमीन ईसीएल जबरन लेना चाहती है। हमारी जमीन बहुफसलिय है। इसी जमीन पर हमारे पूर्वज खेती करके जिन्दा रहें और वर्तमान में हमलोग भी जिन्दा हैं। जमीन के बगैर हम लोग जल बीन मछली की तरह हैं। अगर हम से हमारी जमीन लूट ली गई, तो हम नहीं बचेंगे। गांव में ईसीएल के अधिकारी हजारों हजार की संख्या में पुलिस लेकर आते है और हमारे साथ मारपीट करते है। गांव के तीन दर्जन से भी अधीक लोगों पर झुठा मुकदमा स्थानीय ललमटिया थाने में दर्ज किया गया है। गांव के ग्राम प्रधान अब भी जेल मे हैं। पुलिस ईसीएल मैनेजमेंट का लठैत बना हुआ है, जबकि पुलिस का काम ग्रामीणों पर हो रहे अत्याचार और जुल्म को रोकना है। लेकिन पुलिस पैसा लेकर झुठ का साथ दे रही है। तालझारी गांव की पीड़ित महिला ने आगे कहा कि हमारे मुख्यमंत्री आदिवासी हैं, लेकिन आदिवासियों को बेघर होते हुए देख रही है। मुख्यमंत्री को अगर जर सा भी आदिवासियों की चिन्ता है, तो हमारे साथ न्याय करे। हमारे उपर हो रहे अत्याचार को रोकने का काम करें।

तालझाड़ी में रैयतों के सैंकड़ो ताड़ के पेड़ ईसीएल ने जबरन काट दिया, ग्रामीणों के जीविका पर पड़ रहा है असर.

क्या हम आदिवासियों को जीने का अधिकार नहीं?

वहीं एक दूसरी महिला ने बताया कि ईसीएल आदिवासियों को मार देना चाहती है, ताकि वो जमीन लूट में सफल हो जाए। खान में जब विस्फोट किया जाता है, उस समय लगता है कि भूकंप आ गया है। घर हिलने लगता है, कई घरों का दीवार फट गया है, बरसात के दिनों में भी कुंवां सुखा पड़ा है। गांव की सड़क में जगह जगह तालाब बन गया है। सड़क पर चलना गांव वालों के लिए मुश्किल हो चुका है। हमलोगों की जमीन पर ही हमलोगों को जाने नहीं दिया जाता है। अपनी जमीन पर लगे सैंकड़ों ताड़ के पेड़ से हमलोग ताड़ी बेच कर कुछ पैसा कमा लेते थें, लेकिन उन सभी पेड़ों को भी ईसीएल ने पुलिस के साथ गांव में आकर काट दिया। जब हमलोग इसका विरोध कियें तो पुरे गांव वालों को पीटा गया। महिला सवाल करते हुए कहती है कि, क्या हम आदिवासियों को जीने का अधिकार नहीं है?

बरसात के मौसम में खनन के कारन कुंवों में पानी नहीं, टैंकर से मुहैया किया जा रहा है पीने का पानी.

प्रशासन और ईसीएल मैनेजमेंट समझौते का कर रही है उल्लंघनः

वहीं गांव के युवक पी. मुर्मू बताते हैं कि 2021 में तीनों गांव के ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के साथ ईसीएल मैनेजमेंट, एडीएम महगामा, बीडीओ बोआरीजोर ने ग्रामीणों के साथ समझौता करते हुए आश्वासन दिया था, कि बिना ग्रामसभा से प्रमिशन लिये खनन कार्य नहीं किया जाएगा। समझौता में इन अधिकारियों ने हस्ताक्षर भी किया था। इस समझौते के बावजुद हमलोगों के साथ गलत किया जा रहा है। गांव के कुछ युवकों को नौकरी और पैसा देने का प्रलोभन भी ईसीएल के अधिकारियों द्वारा दिया गया है। तीन गांव, तालझारी, रेवेंडा और पहाड़पुर के ग्रामसभा ने ईसीएल की नौकरी लेने से मना कर दिया है। इन गांव के जो भी लोग ईसीएल में नौकरी करेंगे उन पर ग्रामसभा कार्रवाई करेगी। ईसीएल नौकरी का झांसा देकर हमलोगों की जमीन लूटना चाहता है।

जनवरी 2023 में ईसीएल मैनेजमेंट द्वारा वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में तीन ग्रामसभा के ग्राम प्रधानों के साथ किया गया समझौता पत्र.

खनन कार्य खत्म होने के बाद भी ईसीएल मैनेजमेंट ने वादा पुरा नहीं कियाः

पूर्व का उदाहरण देते हुए युवक ने बताया कि, पास के गांव से कुछ रैयतों की जमीन 1981 में ईसीएल ने 20 साल के लिए लिज पर लिया था, उन लोंगों को 20 साल बाद जमीन समतल करके देने का वादा किया था, इसी शर्त पर ग्रामीणों ने जमीन ईसीएल को दिया था, लेकिन खनन कार्य खत्म होने के दो दशक बाद भी जमीन समतल करके रैयतों को वापस नहीं किया गया है।

जिला प्रशासन और पुलिस ईसीएल कंपनी की लठैत बनी हुई हैः अध्यक्ष, सामाजिक सुरक्षा मंच़ गोड्डा  

सामाजिक सुरक्षा मंच, गोड्डा की अध्यक्ष, मैरी निशा हांसदा बताती हैं कि, जमीन अधिग्रहण का एक प्रक्रिया होता है। लेकिन ईसीएल मैनेजमेंट उस प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है। जिलाधिकारी की ओर से अब तक तालझाड़ी, वेरेंडा और पहाड़पुर के ग्रामीणों को नोटिस नहीं भेजा गया है। खनन कार्य के लिए किसी भी गांव के ग्रामसभा ने ईसीएल को सहमति पत्र नहीं दिया है। ईसीएल कहती है कि ग्रामीणों को पूर्व में मुआवजा दिया गया है। लेकिन गांव के लोग कह रहे हैं कि किसी भी गांव के लोगों ने मुआवजा नहीं लिया है। हम आदिवासी कानून को मानने वाले लोग है, हमारा क्षेत्र पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है और यहां पेशा कानून भी लागू है। हम सभी चाहते हैं कि प्रशासन जो भी काम करे, उसमें ग्राम सभा की सहमति हो। देश के संविधान ने हमें ये अधिकार दिया है। जिला और पुलिस प्रशासन का काम संविधान और नागरिकों को दिये गए संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना है। लेकिन संवैधानिक पद पर बैठे जिला प्रशासन के लोग और संविधान की रक्षा करने वाली पुलिस ही संविधान के विरुद्ध जा कर गलत कार्य कर रही है। इन लोगों पर केस दर्ज होना चाहिए, क्योंकि संविधान का उल्लंघन ये लोग कर रहे हैं। जिला प्रशासन और पुलिस ईसीएल कंपनी की लठैत बनी हुई है। कंपनी के गलत कार्यों को ये लोग जायज करार देते हैं और ग्रामीणों को प्रताड़ित करते हैं।

न्याय यात्रा के दौरान भोगनाडीह पंचायत सचिवालय में रात्री विश्राम करती आदिवासी महिलाएं.

जमीन जाने के बाद, मसानजोर के विस्थापित भीख मांग कर जीवन बसर कर रहे हैः  

मैरी निशा हांसदा दुमका के मसानजोर डैम से विस्थापित हुए लोगों का उदाहरण देते हुए कहती है कि, मसानजोर डैम से 140 गांव के लोग विस्थापित हुए थें। उस दौरान उन्हें कुछ मुआवजा भी दिया गया था, लेकिन वर्तमान में उन परिवारों की स्थिति काफी दयनीय है। मसानजोर के कुछ विस्थापित परिवारों को दुमका और आसपास के क्षेत्रों में भीख मांग कर गुजारा करते हुए देखा जा सकता है। सरकार को अच्छी तरह पता है कि आदिवासियों का जमीन से गहरा रिश्ता है। जैसे पानी के बगैर मछली जिन्दा नहीं रह सकती है, उसी तरह जमीन के बगैर अदिवासी जिन्दा नही रह सकते हैं। आदिवासियों को सिर्फ खेती करना आता है और खेती करके ही वे लोग अपना गुजर बसर करते हैं। सरकार को चाहिए की विकास के नाम पर उनकी जमीनें ना लूटें, बल्कि उनको कृषि कार्य में मदद करे, जिससे उनका तो पेट भरेगा ही देशवासियों का भी पेट भरेगा।

जानकारी देते चलें कि, झारखँड में विस्थापन आयोग नहीं है, जिस कारन खनन, बांध निर्माण, बड़े बड़े उद्योगों की स्थापना और शहरीकरण के साथ-साथ सरकार के विभिन् परियोजनाओं से विस्थापित हुए लोगों का सही आंकड़ा सरकार के पास मौजुद नही है। जानकार बताते हैं कि झारखंड के कूल आबादी मे से 30 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और वर्तमान में भी विस्थापन के कागार पर हैं।

2015 में रघुवर सरकार ने 22.50 लाख एकड़ भूमि का लैंड बैंक तैयार करवाया है। जिस दिन ये लैंड बैक की जमीन, नीजि कंपनियों को हस्तांतरित किया जाएगा, वैसे ही और भी लाखों लोग विस्थापित होंगे।

वर्तमान में झारखंड के वन क्षेत्रों में निवास करने वाले वैसे लोग जिनके पास पूर्व से जमीन का पट्टा है, उनके पट्टों को वन विभाग निरस्त कर रही है,। कुछ लोगों का रशीद काटना बंद कर दिया गया है। वन विभाग की ये तैयारी बताती है कि वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वनों से खदेड़ा जाएगा। वन विभाग द्वारा इस तरह की कार्रवाई सिमडेगा, गुमला, गढ़वा, पलामू और लातेहार जिले में शुरु हो चुकी है।

वहीं दूसरी ओर वन विभाग नये सर्वे के अनुशार वन क्षेत्र का सीमांकन करते हुए पीलर लगाने का काम कर रही है। नये सीमांकन में वन क्षेत्र से लगभग एक किलोमीटर बाहर जा कर पीलर लगाया जा रहा है। पीलर लगाने के दौरान जो भी घर वन सीमा के अंदर आ रही है, उसे ध्वस्त कर दिया जा रहा है। वन विभाग की इस कार्रवाई से सैंकड़ों परिवार विस्थापित हो रहे हैं।

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राजनीति मुद्दा

मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष ने अल्पसंख्यक और मोमिनों के समस्याओं से मुख्यमंत्री को करवाया.

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

राँची: अल्पसंख्यकों व मोमिनों के ज्वलंत मुद्दों व समस्याओं को लेकर मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश अध्यक्ष आबिद अली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात की और 11 सूत्री मांगपत्र सौंपा।

मौके पर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रदेश अध्यक्ष, आबिद अली ने  अल्पसंख्यकों व मोमिनों की समस्याओं को मुख्यमंत्री के समक्ष रखते हुए कहा कि,  झारखण्ड में मोमिनों को राजनीति में उचित भागीदारी दी जाए, अल्पसंख्यकों के शिक्षा एवं विकास से जुड़े बोर्ड-निगम, आयोग, निगम एवं समितियों का अविलंब गठन किया जाए। अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता को स्टेटस प्रदान किया जाए एवं वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त कर वित्त सहित किया जाए।

झारखण्ड में मोमिनों की आबादी लगभग 15% है जिनकी आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक स्थिति दयनीय है। मोमिनों की स्थिति में सुधार के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाओं में उचित भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सभी तरह की नियुक्तियों में विशेष छूट व सुविधा दी जाए।

बुनकरों की समस्याओं के समाधान के लिए बुनकर आयोग का गठन किया जाए। मॉबलिंचिग में अब तक मारे गए लोगों  के परिवारों के जीवन-यापन की समुचित व्यवस्था की जाए और शांति एवं स्वच्छ वातावरण में समुचित विकास के अवसर प्रदान किया जाए।

उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों में अविलम्ब  नियुक्ति की जाए तथा झारखंड में उर्दू अरबी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए। झारखंड में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाकर 27% किया जाए एवं पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित अल्पसंख्यकों को आबादी के अनुपात में आरक्षण दिया जाए।

अल्पसंख्यकों के अधिकारों और कल्याण से संबंधित कानूनों के कार्यक्रम, नीतियों और समीक्षा क्रियान्वयन को विकसित करने के लिए एक समर्पित अल्पसंख्यक विभाग का गठन किया जाए। राज्य के अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति, पाठ्य पुस्तक एवं अन्य सुविधाएं देने की प्रक्रिया की जटिलताओं को दूर किया जाए एवं सभी जिलों में अल्पसंख्यक छात्रावास का निर्माण किया जाए। मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उपरोक्त सभी मामलों के समाधान हेतु उचित कार्यवाई का आश्वासन दिया।

मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन भी मौजूद थें। प्रतिनिधिमंडल में मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय महासचिव सगीर अंसारी, रांची जिला अध्यक्ष शमीम अख्तर आजाद, यूथ मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश महासचिव शाहबाज अहमद, नौशाद अंसारी, रेशमा बेगम आदि शामिल थें।

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राजनीति मुद्दा

हरिनाथ साहू को राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया…

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांची(कांके प्रखंड) –  राष्ट्रीय तेली साहू महासंगठन द्वारा झारखंड प्रदेश के लिए नई कमिटी का गठन किया गया है। कमिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, साहू मुरारी गुप्ता द्वारा झारखंड प्रदेश पदाधिकारियों की पहली सूची जारी की गई है, जिसमें सुनील साहू को प्रदेश अध्यक्ष और हरिनाथ साहू को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।

पिछले दो वर्षों से सामाजिक न्याय एवं राजनीतिक भागीदारी के लिए समाजिक जन जागरण अभियान के लिए निरंतर प्रयास को देखते हुए कमिटी को 3 वर्षों के लिए पुनः मनोनयन किया गया है।

हरिनाथ साहू को राष्ट्रीय तेली महासंगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर रांची जिला अध्यक्ष, कुंज बिहारी साहू , बेनी साहू, कांके जिला परिषद सदस्य किरण देवी, दीपक कुमार, बुढ़मू से मीडिया प्रभारी संजय साहू, कार्यवाहक कार्यकारी जिला अध्यक्ष अजीत साहू, मुरारी गुप्ता, रामविलास साहू, शत्रुघ्न साहू, महामंत्री हीरालाल साहू, आशीष कुमार, डॉ.दानेश्वर साहू, उप मुखिया जितेंद्र साहू, कांके प्रखंड के कार्यवाहक अध्यक्ष पंकज साहू, बलदेव साहू, धनकू साहू, अरुण साहू, मनोज साहू, संदीप साहू, अनिल साहू, युवा नाई समाज के प्रखंड अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, रामानंद ठाकुर, कांके विधानसभा दलित युवा संघ के मुकुल नायक, रेखा देवी, झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष हीरानाथ साहू, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष रेनू साहू, कुर्मी विकास परिषद के केंद्रीय महासचिव राजेंद्र महतो, जिला अध्यक्ष राजकुमार महतो, आदिवासी लोहरा विकास परिषद के गणेश लोहरा, कुम्हार विकास समिति के केंद्रीय नेता जनक प्रजापति, मुकेश प्रजापति, उप मुखिया गौरी शंकर प्रजापति सहित विभिन्न सामाजिक संगठन के लोगों ने अपनी शुभकामना एवं बधाई दी है।

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अपराध राजनीति

मणिपुर घटना के विरोध में कांके प्रखंड में निकाला गया विरोध मार्च, पीएम और गृहमंत्री का किया गया पुतला दहन..

रिपोर्ट- वसीम अकरम…
मणिपुर घटना के विरोध में कांके प्रखंड में निकाला गया विरोध मार्च….
राँची- मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए जघन्य अत्याचार, बलात्कार और सैंकड़ों लोगों की हत्या के खिलाफ अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद्, लोकहित अधिकार पार्टी, सामाजिक न्याय का जन जागरण अभियान, आदिवासी सेना, आदिवासी एकता मंच द्वारा पीएम नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मणिपुर के सीएम का पुतला दहन किया गया।

पुतला दहन कार्यक्रम में सरना समिति काँके, बिरसा मुण्डा भ्रष्टाचार निरोधक संगठन, लोकमत एवं काँके के समस्त सामाजिक संगठनों की भी भागेदारी रही। मौके पर केन्द्र सरकार मुर्दाबाद, पीएम मोदी और अमित शाह मुर्दाबाद के नारे लगाए गएं।

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, केंद्र सरकार, मणिपुर की राज्य सरकार कौर केन्द्रीय मंत्री स्मृकि ईरानी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया।