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बुड़मू में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जंयति के अवसर पर गरीबों के बीच 300 कंबल का किया गया वितरण

रिपोर्ट- अन्नू साहू, बुड़मू…

रांची(बुड़मू प्रखंड)- सोमवार को बुढ़मू प्रखंड के हेसलपिड़ी गाँव में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जयंती समारोह मनाया गया। इस अवसर पर झारखण्ड युवा विकास मंच के द्वारा 300 वृद्ध एवं असहाय महिला और पुरुषों के बीच कम्बल वितरण किया गया। पिछले कई वर्षों मंच के द्वारा कंबल का वितरण किया जाता रहा है।

जयंति समारोह कार्यक्रम में रांची के पूर्व सांसद, रामटहल चौधरी, पूर्व जिला परिषद् उपाध्यक्ष़ पार्वती देवी एवं कुरमी विकास परिषद् के केन्द्रीय अध्यक्ष रणधीर कुमार चौधरी, वैश्य समाज के उपाध्यक्ष हरिनाथ साहू, जिप सदस्या कांके सुषमा देवी, कुर्मी विकास परिषद के महासचिव राज कुमार महतो,  आजसू के जिला सचिव संजय लाल महतो, कुर्मी विकास मोर्चा के बुढ़मू प्रखंड अध्यक्ष ललित महतो,  मुखिया कुशेन्दर पाहन समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

कार्यक्रम से पूर्व सभी अतिथियों द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। इसके बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुखिया सह कुर्मी विकास परिषद् के बुढ़मू महामंत्री सोना लाल महतो व संचालन झारखंड युवा विकास मंच के अध्यक्ष राजेन्द्र महतो द्वारा किया गया।  कार्यक्रम में सभी अतिथियों को अंग वस्त्र एवं माला पहनाकर  स्वागत किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि, राम टहल चौधरी ने कहा कि हर वर्ष सुभाषचन्द्र वबोस की जयंति के अवसर पर गरीब असहायों के बीच कंबल का वितरण किया जाता है। इस वर्ष 300 कंबल का वितरण किया गया है। हम सभी को संकल्प लेना होगा की हम सभी बुजुर्ग माता एवं पिताओं की सेवा करें। समाज में जितनी भी बुराइयां है, उसे दूर करने का काम करें, ताकि हमारे बच्चों का भविष्य उज्जवल हो और एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मंच के अध्यक्ष राजेन्द्र महतो, महासचिव राज कुमार महतो, कार्यकारी रूप लाल महतो, उपाध्यक्ष रेखा देवी, तुलसी महतो, सचिव दिनेश महतो, कोषाध्यक्ष अनिल महतो, रामदयाल महतो, ललित महतो, सरिता देवी, उर्मिला देवी, बाबू लाल महतो, उपेन्दर महतो, अजय महतो, समेत कई लोगों का सराहनिय योगदान रहा।

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रेलवे द्वारा बेघर किए गए रांची के आदिवासी-दलित परिवार कई दिनों से ठण्ड में खुले आसमान के नीचे रहने को विवश…

ब्यूरो रिपोर्ट…

रांचीः 28 दिसम्बर 2022 को ओवरब्रिज, रांची के नीचे बसी बस्ती (लोहरा कोचा) को रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर धराशायी कर दिया गया, जिसके बाद वहाँ बसे लगभग 40 दलित-आदिवासी-पिछड़े परिवार बेघर हो गए हैं। तबाही के एक सप्ताह बाद भी अधिकांश परिवार इस कड़कड़ाती ठंड में वहीँ खुले आसमान के नीचे रहने के लिए विवश हैं। एक ओर सर्वोच्च न्यायालय ने हल्द्वानी, उत्तराखंड में रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर लोगों को बेघर करने पर रोक लगा दी है, वहीँ दूसरी ओर रांची में रेलवे व जिला प्रशासन ने बेघर कर ठंड के हवाले कर मरने के लिए छोड़ दिया है।

यहां बसे अधिकांश लोग दैनिक मजदूरः

लोहरा कोचा में लोग 50-60 सालों से बसे हैं। कई परिवारों की तीन पीढ़ी यहीं बीत गई। रोज़गार और काम की तलाश में आए लोग रेलवे लाइन के किनारे थोड़ी सी ज़मीन पर बस गएं। ध्यान देने की बात है कि, यहाँ लगभग सभी परिवारों के पास राशन कार्ड, आधार व वोटर कार्ड है जिसपर इस बस्ती का ही पता चढ़ा हुआ है। लोगों के घर में बिजली का कनेक्शन भी था। यहाँ बसे अधिकांश लोग दैनिक मज़दूरी कर जीवन यापन करते हैं। जिस दिन से इनके घरों को तोड़ कर इन्हें बेघर किया गया है, कई मज़दूर उसी दिन से मजदूरी करने के लिए नही जा रहे हैं।

कड़ाके की ठंड में लोग खुले आसमान के नीचे रहने के लिए हुएं विवश.

स्थानीय नेताओं ने दिया था आश्वासनः 

बस्ती तोड़ने से पहले लोगों को रेलवे द्वारा कई बार नोटिस भेजा गया था। कुछ महीने पहले पक्ष-विपक्ष के कई नेता बस्ती के लोगों के साथ मीटिंग कर उन्हें आश्वासन भी दिए थें कि, बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उनके घरों को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। लेकिन बस्ती टूटने के दिन से उन सभी नेताओं का रुख बदल गया है। अब तक किसी भी पार्टी के नेता इनकी सुध लेने के लिए नही पहुंचे हैं। लगभग एक महीने पहले भी हटिया व बिरसा चौक के आसपास से रेलवे द्वारा लोगों को बेघर किया गया था।

पी.एम, नरेन्द्र मोदी का वादा खोखला साबित हुआः

ठण्ड के समय गरीबों को बेघर करना रेलवे व प्रशासन के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है। एक ओर राज्य के सत्ताधारी दल व विपक्ष आदिवासी-दलित-पिछड़े अस्तित्व व गरीबों के नाम पर राजनीति करने से बाज नही आ रहे हैं, तो वहीँ दूसरी ओर ठण्ड में बेघर हुए गरीब आदिवासी-दलित-पिछड़ों के लिए कोई सामने नहीं आएं। इन परिवारों की स्थिति ने फिर से 2022 तक सभी परिवारों को पक्का मकान मिलने के प्रधान मंत्री के वादे के खोखलेपन को उजागर किया है।

झारखंड किसान परिषद् और झारखंड जनाधिकार महासभा मांग करती है कि रेलवे अविलंब अतिक्रमण हटाने के अपने अभियान को रोके एवं राज्य सरकार व केंद्र सरकार से निम्न मांग करती है:

  • लोहरा कोचा समेत अन्य क्षेत्रों में रेलवे द्वारा बेघर किए गए लोगों को तुरंत मूलभूत सुविधाओं के साथ वैकल्पिक ज़मीन व घर दिया जाए। साथ ही, इनके साथ हुए हिंसा के एवज़ में मुआवज़ा दिया जाए।
  • सभी परिवारों को तुरंत ठण्ड से राहत के लिए कम्बल, गर्म कपड़े, टेंट आदि दिया जाए।
  • ठंड में लोगों को बेघर करने के लिए ज़िम्मेवार पदाधिकारियों के विरुद्ध न्यायसंगत कार्यवाई की जाए।
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जीवनशैली मुद्दा

राजधानी रांची के स्लम एरिया, भाभा नगर में कर्रा सोसायटी फॉर रूरल एक्शन ने लगाया निःशुल्क आई कैंप….

रिपोर्ट- निकह्त परवीन…

रांचीः मंगलवार को राजधानी रांची के कोकर स्थित, भाभा नगर में कर्रा सोसायटी फॉर रूरल एक्शन, श्रेष्ठ नेत्रालय एवं समाजसेवी बेबी गाड़ी के संयुक्त तत्वाधान में निःशुल्क आई चेकअप कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें काफी संख्या में वृद्ध और युवाओं ने नेत्र जांच करवाया।

निःशुल्क नेत्र जांच करते चिकित्सक.

कैंप में उपस्थित चिकित्सकों ने वृद्ध और युवाओं के नेत्र जांच के बाद जरूरी सलाह दी। भाभा नगर में इस कैंप को लगाने का एक मुख्य उद्देश्य यह था कि, यह एक सलम एरिया है जिसमें गरीब तबके के लोग रहते हैं। यहां ज्यादातर वैसे लोगो रहते हैं, जो प्रतिदिन मजदुरी करके अपना जीवन यापन करते हैं। काम के दौरान इन्हें अपने लिये समय नहीं मिल पाता है, जिसके कारन यहां कैंप आयोजित कर नेत्र जांच किया गया। आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि हर दूसरा-तीसरा व्यक्ति आंखों की परेशानी से जूझ रहा है। उनके परेशानियों को देखते हुए उन तक यह सुविधा कर्रा सोसायटी फॉर रूरल एक्शन द्वारा पहुंचाई जा रही है। निःशुल्क आई चेक अप कैंप में 60 लोगों ने अपनी जांच करवाई और चिकित्सकों से जरूरी परामर्श लिया।

नेत्र कैंप के सफल संचालन में कर्रा सोसाइटी के गणेश कुमार सिंह, निकहत प्रवीण, समाजसेवी बेबी गाड़ी, श्रेष्ठ नेत्रालय के श्यामल जी, नाहिद, आमिर और अभिषेक ने मुख्य भूमिका निभाई।

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जीवनशैली

चास के लबुडीह में स्नेह ने लगाया चिकित्सा शिविर, सैंकड़ों ग्रामीणों को मिला शिविर का लाभ…

रिपोर्ट- सीता देवी, चास, बोकारो

बोकारोः रविवार, दिनांक 11 सितंबर को बिरसा कंपेनियन संस्था के स्नेह कार्यक्रम अंतर्गत चास के लबुडीह में निःशुल्क होमियोपैथ चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में होमियोपैथ के गोल्ड मेडलिस्ट चिकित्सक द्वारा ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच करने के साथ-साथ उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरुक भी किया गया। इस चिकित्सा शिविर में सैंकड़ों की संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चें पहुंच कर शिविर का लाभ उठाया।

मौके पर होमियोपैथ चिकित्सक, डा. प्रितम ने ग्रामीणों को स्वास्थय के प्रति जागरुक करते हुए कहा कि, वर्तमान में खान-पान पर सही तरीके से ध्यान नही देने के कारन लोग बीमार पड़ रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होना सही बात नही है, क्योंकि व्यक्ति जब स्वस्थ रहेगा तभी वो अपने दिनचार्या के काम और रोजी रोटी की जुगाड़ अच्छी तरह से कर सकेगा। हमें सिर्फ अपने स्वास्थ्य की चिंता नहीं करनी है, बल्कि एक ऐसे स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना है, जिसमें अन्य लोग भी स्वस्थ रह सकें। इसके लिए गांव-घर के हर व्यक्ति को जागरुक होने की जरुरत है।

शिविर में ग्रामीणों को जागरुक करते होमियोपैथ चिकित्सक,  डा. प्रदीप.

चिकित्सा शिविर के संचालन में मुखिया, मंजू देवी, स्थानीय स्कूल के सदस्य राजीव कुमार पांडे, सरपंच उपेन्द्र पांडे, स्कूल की अध्यक्ष रेखा देवी, गांव की सहिया सुनीता देवी के साथ-साथ गांव के युवाओं ने भी सहयोग किया। वहीं स्नेह की हेल्थ अम्बेस्डर हेमंती देवी, आरती देवी, बिरेन्द्र, चंडी बावरी, अनिता देवी, लक्ष्मी देवी, रेमका भगत, पुजा देवी, पुजू रानी और स्नेह की एच.आर. सीता देवी का चिकित्सा शिविर के आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।

स्नेह टीम के सदस्य, जिनका शिविर के आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान रहा.

जानकारी देते चलें कि बिरसा कंपेनियन संस्था अपने स्नेह कार्यक्रम के तहत लगातार ग्रामीणों के स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने, और शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है, ताकि निम्नवर्गीय ग्रामीणों के जीवन स्तर को उंचा उठाया जा सके।

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घर में निर्मित शुद्ध खाद्य पदार्थों का स्टॉल स्नेह ने लगाया, स्वास्थ्य के प्रति लोगों को किया जागरुक

रिपोर्ट- सीता देवी, चास, बोकारो…

बोकारोः चास नगर निगम के समिप आईटिया मोड़ के समिप मेला का आयोजन किया गया। इस मेरे में स्नेह टीम ने भी अपना स्टॉल लगा कर स्नेह द्वारा आम जनता को घर में बनाए गए शुद्ध उत्पादों के बारे में जानकारी देकर स्टॉल में पहुंचे लोगों को जागरुक किया।

स्नेह के स्टॉल में स्नेह से जुड़ी महिलाओं की टीम द्वारा घर में उपयोग किए जाने वाले उत्पाद जैसे मशाला, चीनी, सरसो तेल, चना, सत्तु, बेसन, आटा जैसे कई गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को प्रदर्शित कर उसके बारे में स्टॉल में पहुंच रहे लोगों को जानकारी दी गई। स्नेह टीम की सदस्य ने बताया कि स्नेह टीम द्वारा आम जनता के बीच जिन उत्पादों को उपलब्ध करवाया जा रहा है, उसमें मिलावट नही है, या यूं कहें कि मिलावटी समान से आम जनों को बचाने के लिए ही स्नेह घर में निर्मित शुद्ध खाद्य पदार्थ लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं, ताकि उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ना पडे। स्नेह का एक मुख्य उद्देश्य आम लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना भी है। स्नेह की टीम इन उत्पादों को ऑनलाईन ऑर्डर पर भी घर-घर तक पहुंचाने का काम कर रही है। ऑन लाईन बिक्री के लिए स्नेह एप्प का उपयोग कर रही है, जिसका नाम है स्नेह एट योर होमइस एप्प पर लोग ईन कर उपभोक्ता उत्पादों का ऑर्डर कर सकते हैं। ऑर्डर किए गए उत्पादों को स्नेह टीम के सदस्यों द्वारा ही उपभोक्ताओं के घर तक पहुंचाया जाता है।

स्नेह के उत्पादों को प्रदर्शित करते स्नेह के सदस्य.

स्टॉल में मौजुद स्नेह टीम की सदस्या, अनिता देवी ने बारी-बारी से हर उत्पादों की जानकारी स्टॉल में पहुंचे आम और गणमान्य लोगों को दी। स्नेह के स्टॉल में डा. प्रितम कुमार, डा. अशोक राज, डा. मुकेश सिंह, नगर निगम के सीओ, स्वास्थ्य विभाग के सीएचओ भी पहुंचे और स्टॉल में प्रदर्शित उत्पादों के गुणवत्ता की सरहाना कियें।

जानकारी देते चलें कि बिरसा कंपेनियन द्वारा महिलाओं की आर्थिक स्थित में सुधार और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देशय से स्नेह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। स्नेह टीम के द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध कराना, उत्पादों का निर्माण, मार्केटिंग और मैनेजमेंट पर काम कर किया जा रहा है।

मेला परिसर में प्रदर्शित स्नेह के स्टॉल को संचालित करने में बिरेन्दर कुमार, चंडी बाउरी, आरती देवी, हेमंती देवी, अनिता देवी, लक्ष्मी देवी, रेमका भगत, पुजा देवी, फूलकुमारी देवी, रंजीत, पुजू रानी और सीता देवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

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जीवनशैली

गरीबी और विकलांगता भी नही हरा सकी हनुक के जज्बे को, नि:शुल्क करते हैं सर्पदंश समेत कई बीमारियों का ईलाज….

रिपोर्ट- संजय वर्मा…

रांचीः इंसान में अगर कुछ कर गुजरने की छमता हो, तो कोई भी बाधा इंसान का रास्ता नही रोक सकता। ऐसे ही लोगों में से एक हैं हनुक लकड़ा, जो मात्र 2 वर्ष की उम्र में ही पोलियो के शिकार हो गए थें, लेकिन शारीरिक रुप से कमजोर होने के बावजुद भी हनुक ने हिम्मत नही हारी। हनुक काफी गरीब परिवार से हैं और तीन भाईयों में सबसे छोटे है। हनुक जब मां की गोद में ही था, उसी दौरान इनके सर से पिता का साया भी उठ गया। मां ने काफी कठिनाईयों का सामना करते हुए अपनी तीनों बेटों का पालन-पोषण किया। हनुक पढ़ाई में भी काफी तेज थें। चंदवा स्थित ख्रिस्त राजा हाई स्कूल के प्राचार्य ने हनुक के पारिवारिक स्थित और पढ़ाई के प्रति जज्बे को देखते हुए इन्हें होस्टल में ही रह कर पढ़ाई करने की अनुमति दी। इसके बाद हनुक ने लोहरदगा जिला स्थित बलदेव साहू हाई स्कूल से साईंस विषय में इंटरमीडियेट की परीक्षा पास की।

समाज सेवा के प्रति हनुक का जज्बाः 

इंटरमीडियेट तक की पढाई पुरी करने के बाद हनुक समाज सेवा से जुड़ गएं। विस्थापन के विरोध में चल रहे कई आंदोलनों में हनुक की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चुंकि हनुक साईंस के छात्र थें, इसलिए पेड़ पौधों के बारे में हनुक में विशेष जिज्ञाशा थी। हनुक के मामा जी जड़ी-बुटियों से ही सर्पदंश के मरीजों का ईलाज किया करते थें, जिनसे हनुक ने काफी कुछ सीखा। वन विभाग के अधिकारी पी.पी. हेम्ब्रोम हनुक के मामा जी के मित्र थें, जिन्हें औषधीय पौधों के बारे में विशेष जानकारी थी। रांची में “बिरसा संस्थान” से जुड़ने के दौरान ही हनुक को नोवामुंडी में पी.पी. हेम्ब्रोम से ट्रैनिंग लेने का मौका मिला।

डा. पी.पी. हेम्ब्रोम, होड़ोपैथी पद्धति से करते हैं मरीजों का ईलाजः

डा. पीपी हेम्ब्रोम के बारे में जानकारी देते चलें कि, डा. पी.पी. हेम्ब्रोम वन विभाग के सेवानिवृत अधिकारी है, जिन्हें होड़ोपैथी चिकित्सा पद्धती में महारत हांसिल है। इनके द्वारा गिरिडीह जिले में होड़ोपैथी केन्द्र भी संचालित है, जहां विभिन्न प्रकार के बीमारियों का ईलाज के साथ-साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है। हनुक लकड़ा ने वर्ष 2012 में पश्चिम सिंहभूम जिला के नोवामुंडी में संचालित “ओमोन महिला संगठन” के प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया, जहां डा. पी.पी. हेम्ब्रोम मुख्य प्रशिक्षक थें। यहां सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद हनुक लकड़ा को प्रमाण पत्र भी दिया गया।

होड़ोपैथी चिकित्सा में ट्रेनिंग करने के बाद हनुक लकड़ा को मीला सर्टिफिकेट

हनुक सर्पदंश, किडनी, लकवा और पत्थरी का करते हैं ईलाजः

हनुक आगे बताते हैं कि समाज सेवा करना मेरा लक्ष्य रहा है।, इसलिए मैंने जड़ी बुटियों के बारे में अपने मामा जी और डा. पी.पी. हेम्ब्रम से जो सीखा, अब उसी को समाज सेवा का माध्यम बना चुका हूं। जड़ी-बुटियों से ही मैं सांप काटे मरीज, लकवा, किडनी की बीमारी और पत्थरी का ईलाज करता हूं। अब तक सैंकड़ों सांप काटे मरीज और 30 से भी अधीक लकवाग्रस्त मरीजों का सफलतापूर्वक ईलाज कर चुका हूं। हनुक ये भी बताते हैं कि, सेवा के बदले मैं किसी से पैसे नही लेता, मेरे ईलाज से ठीक होने के बाद लोग अपनी ईच्छा से जो भी दे देते हैं, वही मैं रख लेता हूं।

जड़ी-बुटियों से दवा तैयार करते हनुक लकड़ा.

हनुक लकड़ा के ईलाज पर लोगों को काफी विश्वास हैः मरीज के परिजन

समाचार संकलन के दौरान हमारी टीम ने सर्पदंश से ठीक हो चुके मरीजों से भी बात की। एक महिला जिन्हें लगभग 15 दिन पहले सांप ने डसा था, वो अब बिल्कुल स्वस्थ्य हो चुकी है। महिला ने बताया कि हनुक के ईलाज के बाद मैं पुरी तरह ठीक हूं और अब फिर से हर काम कर पा रही हूं। वहीं एक 5वर्षीय छोठी बच्ची, जिसे 5 दिन पूर्व सांप ने डसा था, वो बच्ची भी अब बिल्कुल ठीक है। बच्ची के पिता ने बताया कि अब मेरी बच्ची पुरी तरह स्वस्थ है। हनुक पर हम सभी को भरोषा है। हनुक ने जिस किसी भी मरीज का ईलाज अब तक किया है, उन मरीजों को एसोपैथी चिकित्सक के पास जाने की जरुरत नही पड़ी।

सांप पकड़ने में भी हनुक को है महारत हांसिलः

हनुक बताते हैं कि बालूमाथ प्रखंड में रसैल वाईपर, नाग और करैत सांप ज्यादा पाए जाते हैं। गर्मी के बाद जैसे ही बरसात शुरु होती है, क्षेत्र में सर्पदंश की घटना बढ़ जाती है। कई बार घरों में भी ये विशैले सांप प्रवेश कर जाते हैं, जिसके बाद लोग मुझे सांप पकड़ने के लिए भी बुलाते हैं। मैं इन सांपों को पकड़ कर फिर से जंगलों में छोड़ देता हूं।

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बुजुर्ग करमी देवी की सर्पदंश से हुई मौत़, जिप सदस्य हकीम अंसारी ने परिवार को आर्थिक मदद कर, आगे भी मदद का दिया आश्वासन…

रिपोर्ट- वसीम अकरम…

रांचीः कांके प्रखंड के ऊपर कोनकी पंचायत के मारवा गांव निवासी 65 वर्षीय करमी देवी की 1 सप्ताह पूर्व सर्पदंश के कारन ईलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना की जानकारी जैसे ही कांके पश्चिमी के जीप सदस्य, हकीम अंसारी को मिली, वे मृतक के घर पहुँच कर परिजनों को दुख की इस घड़ी में सांत्वना दिया, और परिवार की स्थिति की बारे में जानकारी प्राप्त की।  हकीम अंसारी को बताया गया कि मृतका करमी देवी की सात बेटियां हैं, जिनमे 6 बेटियों का विवाह हो चुका है, और सबसे छोटी बेटी गीता कुमारी का विवाह होना अभी बाकी है। गीता सातवीं कक्षा की छात्रा है। घर मे सिर्फ मृतिका के पति बुजुर्ग बीगल मुंडा ही एकमात्र सहारा बचे हुवे है। पहले से ही घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही है और इस कोरोना काल में परिवार क स्थिति और भी बदतर हो चुकी है।

जानकारी मिलने पर जिप सदस्य, हकीम अंसारी ने मृतका के दश कर्म के लिए एक बोरी चावल और कुछ नगद सहायता राशि प्रदान किया और हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया। हकीम अंसारी ने मृतका के पति से कहा कि सातवीं कक्षा मे पढ़ रही गीता की पढ़ाई रुकनी नहीं चाहिए। गीता की पढ़ाई और विवाह में मैं हर संभव मदद करुंगा।

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अनगड़ा प्रखंड के दुर्गम क्षेत्र, रासाबेड़ा में सैंकड़ों जरुरतमंदों के बीच किया गया कपड़े का वितरण…

रांचीः शनिवार को राजधानी रांची मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर अनगड़ा प्रखंड के कुच्चू पंचायत अन्तर्गत कामता गाँव के पहाड़ों से घिरे सुदूरवर्ती टोला रासाबेडा़ एंव डीमरा मे ए.एफ.एम.आई( AFMI) संस्था रांची के द्वारा कपड़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कपड़ा वितरण कार्यक्रम में ए.एफ.एम.आई(AFMI) संस्था की निखहत् परवीन, गणेश सिंह, “ताजा खबर झारखंड” के मुख्य संपादक, संजय वर्मा एवं स्थानीय समाजसेवी बालेश्वर बेदिया ने संयुक्त रूप से कपड़े का वितरण लगभग 100 गरीब बेसहारा, असहाय, लाचार, विकलांग एवं वृद्ध महिला, पुरुष, किशोरी एवं बच्चों के बीच साड़ी, पैंट-शर्ट, सलवार सूट आदि का वितरण किया गया। इस दौरान राशाबेड़ा के बीस किशोरियों के बीच सेनेटरी नेपकीन पैड का वितरण भी किया गया। संस्था की निखह्त परवीन ने विशेष तौर पर किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी और सावधानी बरतने के उपाय भी सुझाए।

कपड़े पाकर लोगों के चेहरे पर खुशी एवं संतुष्टि देखने को मिली। ग्रामीणों ने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारन हमलोगों को यहां कोई सुविधा नही मिलती है, लेकिन आपलोग इस दुर्गम रास्ते से हो कर हमलोगों के बीच पहुंच कर जो वस्त्र का वितरण किए हैं इसके लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं।

मौके पर ताजा खबर झारखंड के मुख्य संपादक संजय वर्मा ने ग्रामीणों को आश्वासन देते हुए कहा कि भले ही सरकार की योजनाएं आप लोगों तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रही है, लेकिन हम सभी आप लोगों के साथ खडे हैं, आप जैसे जरुरतमंद ग्रामीणों की सेवा करके मन को एक सुकुन मिलता है। इस तरह के कार्य और भी सामर्थ्य लोगों को करनी चाहिए।

वहीं स्थानीय समाजसेवी बालेश्वर बेदिया ने कहा कि गरीबों, असहाय, बेसहारा लोगों की सेवा और सहायता करना मेरे जीवन का उद्देश्य है। इस तरह का सेवा कार्य आगे भी जारी रहेगा। कार्यक्रम में संस्था के सदस्य गणेश सिंह,  ग्राम प्रधान दुलाल बेदिया,  समाजसेवी जोन तिग्गा, अर्जुन बेदिया, सावना बेदिया, महावीर बेदिया, सहदेव बेदिया, चुनकू बेदिया, आदि उपस्थित थे।

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खिजरी विधान सभा के पूर्व विधायक, स्वर्गीय उमराव साधो कुजूर के 79वें जयंती पर आयोजित किया गया आई कैंप…

रांची(नामकुम प्रखंड)- रविवार(31 जनवरी) को खिजरी विधान सभा के पूर्व विधायक, स्वर्गीय उमराव साधो कुजुर का 79वां जयंती मनाया गया। स्वर्गीय उमराव साधो कुजूर समाज के प्रति सदैव तत्पर रहने वाले एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व के धनी थें।

नामकुम प्रखंड कार्यालय के पास स्थित सदाबहार चौक पर स्थित स्वर्गीय उमराव साधो कुजूर की प्रतिमा पर उनकी सुपुत्री सह भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर और प्रदेश भाजपा के महामंत्री, आदित्य साहू ने पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। मौके पर कई भाजपा नेताओं समेत क्षेत्र के लोगों ने भी उनके प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।

जयंती के अवसर पर लायंस क्लब रांची के द्वारा आई चेकअप कैंप भी लगाया गया, जिसमें आस-पास के काफी लोगों ने अपनी आंखों का चेकअप करवाया। मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि, आदित्य साहू ने अपने वक्तव्य में कहा कि साधो कुजूर एक ईमानदार छवि के व्यवहार कुशल एवं कुशल नेतृत्व करने वाले नेता थें। उनके पास धन नहीं था, किन्तु अपने व्यवहार से अपने कर्म से आज भी जन मानस के दिलों दिमाग़ में बसे हुए हैं, आज भी आम जनता उन्हें उनके कार्यों के लिए याद करते हैं, इससे पता चलता है कि हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर उनके नक़्शे कदम पर चलने की जरुरत है। वर्तमान में उनकी सुपुत्री आरती कुजूर उनके नक़्शे कदम पर चलकर, उनके जैसा ही समाज को नेतृत्व देने का काम कर रही है। मौके पर मुख्य अतिथि ने विशेष रुप से स्वर्गीय उमराव साधो कुजूर जी की धर्मपत्नी, तुलसी कुजूर जी को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

आयोजित जयंती समारोह में सम्मानित एवं प्रबुद्ध लोग भी उपस्थित थे, जिसमें मुख्य रुप से स्व कुजूर के सहयोगी समाजसेवी कमल दास गोस्वामी, बीजेपी झारखंड प्रदेश प्रभारी(महिला मोर्चा) आरती सिंह, समाजसेवी लाल कालीचरण नाथ शाहदेव, प्रमोद सिंह, अमरनाथ ठाकुर, साधु उराव, राजकुमार सिंह, सुरेंद्र महतो, अशोक मुंडा, डॉ सीमा सिंह, मंजू लता दुबे, अंजली लकडा, बबीता कुजुर, प्रज्ञा भारती, उषा वर्मा, नीलम चौधरी, पिंकी खोया, बबिता बर्मा, रेणु कुमारी, पूजा कुमारी, स्वेता केरकेट्टा, किरण रुंडा, रीना कुजूर, शनिचरिया कच्छप, तेतरी कुजूर, मिथि खलखो, मेरीलकड़ा, राजू तिर्की, पाको मुंडा, नरेश महतो, सुभाष साहू समते कई लोग उपस्थित थे।

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गेतलसुद में विक्रम हरी गोविंद मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित चिकित्सा शिविर में सैंकड़ों ग्रामीणों का किया गया मुफ्त ईलाज.

रिपोर्ट- अनुरागीनी कुमारी…

रांचीः शुक्रवार को विक्रम हरी गोविंद मेमोरियल ट्रस्ट और बाबा बैद्यनाथ मेडिकल द्वारा गेतलसुद स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमे शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ और जनरल फिजिशियन ने अपनी निशुल्क सेवा प्रदान की।

इस चिकित्सा शिविर में गेतलसुद, नवागढ़, बेंती और ओबर सहित कई गावों के सैंकड़ों ग्रामीण लाभान्वित हुएं। शिविर में ग्रामीणों को निःशुल्क मास्क भी उपलब्ध कराया गया।

चिकित्सा शिविर को सफल बनाने में विक्रम हरी गोविंद मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष, डॉ अभिषेक रंजन, कोषाध्यक्ष लीला कुमारी, सचिव अनुरागीनी कुमारी, सदस्य अमन मिश्रा, संतोष साहू, रोशन मिश्रा, संजीव सिंह और बाबा बैद्यनाथ मेडिकल के समीर सेन और विशेष रूप से वॉलंटियर यशवंत चौधरी के साथ संजय महतो का योगदान रहा।