रिपोर्ट:- वसीम अकरम….
राँची: झारखण्ड के 50 लाख अल्पसंख्यकों के हक़ व अधिकार को लेकर राजभवन के समक्ष 29/11/2022 चौपाल कार्यक्रम को लेकर आमया संगठन के प्रभारी ज़ियाउद्दीन अंसारी ने कांके प्रखंड के उलातु, कुम्हारिया, सतकनादु, हुसिर, होचर, बालू कोकडोरो सहित कई गाँवों पर जाकर चौपाल कार्यक्रम में शामिल होने का दावत दिया।
इस दौरान आमया संगठन के प्रभारी जियाउद्दीन ने कहा कि झारखंड राज्य अलग हुए 23 वर्ष हो गये, लेकिन अलग राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एवं जेएमएम, कांग्रेस, राजद महागठबंधन को शत प्रतिशत वोट देकर सत्ता में लाने वाले झारखंड के 50 लाख मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों से जुड़े मामलें हल नही हुए। विभिन्न प्रकार के हुए घटनाओं में भेदभाव और उपेक्षा किया गया, जिस कारण पीड़ित न्याय के लिए ठोकरें खा रहे है।
संवैधानिक व स्वयत्ता संस्थानों में भागीदारी शिक्षा रोजगार और विकास की बात तो छोड़ ही दीजिए अल्पसंख्यकों के अधिकार से जुड़े बोर्ड निगम आयोग कमिटी का भी गठ़न तीन वर्षों में नही किया गया। उर्दू भाषा व खाली पड़े 3712 उर्दू प्रारम्भिक शिक्षक के पद को स्नातक उर्दू टेट उत्तीर्ण से भरने के मसले हल तो नही हुए, लेकिन बिना सही जांच किये संयुक्त बिहार से संचालित उर्दू विधालयों को सामान्य विधालय बना दिया गया।
मदरसा आलिम फाजिल की परीक्षा विश्वविद्यालय से कराने, माॅबलींचिग पर कानून, पीड़ित को मुवाआज जैसे गम्भीर मामलों पर सरकार खंमोश है।
ऐसे कई सवालों को लेकर 29 नवम्बर को आमया संगठन के द्वारा चौपाल लगाया जाएगा।
इस दौरे में मौके पर आमया संगठन के मुख्य रूप से,अबुसमा अंसारी, अख्तर अंसारी,अहमद रजा, अबू रेहान, जावेद अख्तर, मोदस्सिर एहरार, सम्मी अहमद, इल्ताफ़ अंसारी, इमरान ख़ान, तौसीफ अंसारी, असलम अंसारी,गुलजार खान,जुमाउद्दीन अंसारी इत्यादि शामिल रहे।