प्रदीव यादव के निष्कासन के बाद भी नही होगी बाबूलाल मरांडी की राह आसान…

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रिपोर्ट- बिनोद सोनी…

राँची: गुरुवार को झारखंड विकास मोर्चा, विधायक दल के नेता प्रदीप यादव को पार्टी विरोध कार्यों में संलिप्त रहने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रधान महासचिव, अभय कुमार सिंह ने उक्त जानकारी मीडिया को दी।

बंधु तिर्की और प्रदीप यादव चुनाव जीतने के बाद से ही पार्टी लाईन से अलग कार्य करते रहे हैः अभय सिंह

पार्टी के प्रधान महालचिव अभय सिंह ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को तीन सीटों पर जीत मिली। उसके बाद से पार्टी के दो विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव लगातार पार्टी विरोधी कार्यों में संलिप्त रहे हैं। पार्टी द्वारा कुछ दिनों पूर्व मांडर से झाविमो विधायक बंधु तिर्की को पार्टी से निष्कासित किया गया था। उसी प्रकार झाविमो से पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव भी पार्टी के खिलाफ कार्य करते हैं। उन्होने पार्टी लाईन से अलग जाकर एनआरसी और सीएए के खिलाफ बयानबाजी की, और उनका कांग्रेस के नेताओं से मिलना जुलना जारी था, जिससे स्पष्ट था कि वे कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं, इसी कारण से दिनांक 4 फरवरी को उन्हें कारण बताव नोटिस जारी करते हुए 48 घन्टे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन उन्होंने तय सीमा के अंदर अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया। इस कारण केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की सहमति और निर्देशानुसार पार्टी विरोधी गतिविधि में संलिप्तता के आरोप में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है।

बाबूलाल मरांडी के भाजपा में जाने की राहें नहीं होंगी आसान: प्रदीप यादव

इस बारे में विधायक प्रदीप यादव से बात की गई। उन्होंने कहा कि मुझे ना इसको लेकर कोई पत्र मिला है ना ही जानकारी है। मुझे  मीडिया के खबरों से पता चला है। साथ ही उन्होंने बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बचकानी हरकत है। उन्हें लगता है कि इस तरह से उनके रास्ते आसान हो जाएंगे और उनकी सदस्यता बच जाएगी, लेकिन भाजपा में विलय के लिए ना ही उनके राह आसान होगी और ना ही उनकी विधायकी बच पाएगी।

बंधु तिर्की और मैं जनता के मेन्डेट के साथ रहुंगाः प्रदीप यादव

उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा कि जब महागठबंधन को समर्थन दिया गया, तो उनके नेताओं से मिलना पार्टी विरोधी कार्य कैसे हुआ। बाबूलाल मरांडी अक्सर कहा करते थें कि बीजेपी में जाना कुतुब मीनार से कूदना है और सीएए के पक्षधर भी वे नहीं रहे हैं, लेकिन किन परिस्थितियों मैं वे भाजपा में जाना जा रहे हैं यह जनता जानना चाह रही है। साथ ही उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए कहा कि मैं और विधायक बंधु तिर्की किसी भी हाल में भाजपा में शामिल नहीं होंगें। हम दोनों महागठबंधन के सहयोगी के रूप में हमेशा खड़े हैं और जनता के मेन्डेट के साथ ही रहेंगे।

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