राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के लगभग 10,000 कर्मचारियों ने काला बिल्ला लगाकर किया काम, मांगे नहीं मानें जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी…

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ब्यूरो रिपोर्ट, ताजा खबर झारखंड…

रांचीः स्थायीकरण एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर राज्यभर के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के लगभग 10,000 कर्मचारियों ने बुधवार को काला बिल्ला लगाकर काम किया। झारखंड स्वास्थ्य इंप्लॉय वेलफेयर एसोसियेशन कर्मचारी संघ के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अनुबंध कर्मचारियों की ओर से पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंप कर इस आशय की जानकारी दी गई थी।

राज्य सरकार से मांग, सहानुभूतिपूर्वक करे विचारः

संघ के सचिव, मनीष कुमार ने बताया कि, स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुचारु रुप से चलाने लिए वर्ष 2005 से ही विभिन्न संवर्गों के तहत कर्मचारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड में काम कर रहे हैं। राज्य में विभिन्न संवर्गों में लगभग 10 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। झारखंड में काम करते हुए बहुत सारे कर्मियों की आयु सीमा भी समाप्त हो चुकी है, इसलिए विभाग को सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए झारखंड के सभी कर्मियों को स्थाई कर देना चाहिए। पूर्व में भी ये मांग किया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नही हुई है।

मांगे पुरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनीः

संघ के सदस्य डा. जफर ईकबाल ने बताया कि सरकार द्वारा पत्र संख्या-878/गो. दिनांक 17.10.2022 को स्थायीकरण से संबंधित प्रक्रिया शुरु करने का निर्देश दिया था, लेकिन विभाग के अधिकारी इस आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस कारन से राज्यभर के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, के कर्मी हतोत्साहित हैं। इसके अलावा नवंबर माह के वेतन का भुगतान अब तक कर्मियों को नही किया गया है। इसे लेकर भी बुधवार को राज्यभर के सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के कर्मियों ने काला बिल्ला लगा कर काम किया। यदि सरकार हमारी मांगों पर गौर नहीं करती है, तो हम सभी राज्यभर के कर्मी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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